Sikkim Foundation Day: सिक्किम आज से 50 साल पहले भारत का 22वां राज्य बना था और यह फैसला सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि सामरिक दृष्टि से भी बेहद जरूरी था। अगर सिक्किम स्वतंत्र देश बना रहता तो भारत का उत्तर पूर्वी हिस्सा हमेशा खतरे में रहता। उस दौर में अमेरिका और सोवियत संघ जैसे देश हर देश पर दबदबा बनाना चाहते थे। अफगानिस्तान इसका जीता जागता उदाहरण है जो कभी विकास की राह पर था लेकिन बाद में वह इतने बुरे हाल में पहुंच गया कि आज तक उबर नहीं सका।
राजा की रानी और विदेशों की चालें
सिक्किम के राजा नामग्याल की अमेरिकी रानी होप कुक एक अलग ही खेल खेल रही थी। इसी दौरान भारत ने सिक्किम की रक्षा और विदेश नीति की जिम्मेदारी ली और संविधान में संशोधन करके उसे भारत में मिलाने का रास्ता बनाया गया। 23 अप्रैल 1975 को लोकसभा में बिल पास हुआ और 15 मई को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ सिक्किम आधिकारिक रूप से भारत का हिस्सा बन गया। इसके बाद नामग्याल वंश का शासन खत्म हो गया लेकिन इस पूरी कहानी के पीछे कई अंतरराष्ट्रीय चालें छुपी थीं।
सिक्किम का भौगोलिक खतरा और जनता का विद्रोह
सिक्किम का रास्ता सिलिगुड़ी कॉरिडोर से होकर गुजरता है जो सिर्फ 21 किलोमीटर चौड़ा है और इसी से भारत का उत्तर पूर्वी क्षेत्र जुड़ा है। अगर सिक्किम अलग हो जाता तो भारत का यह हिस्सा कभी भी कट सकता था। इसी दौरान सिक्किम के राजा के खिलाफ वहां की जनता का विद्रोह शुरू हो गया। लोगों को राजा की विदेशी रानी से भी शिकायत थी और कहा जाता है कि महल की कीमती चीजें अमेरिका भेजी जा रही थीं। अंततः भारत ने जनमत संग्रह कराया और 90 फीसदी लोगों ने राजा के खिलाफ वोट दिया। भारतीय सेना ने गंगटोक को घेर लिया और राजा को इस्तीफा देना पड़ा।
सिक्किम का सामरिक महत्व और इतिहास
सिक्किम का इतिहास 1641 से शुरू होता है जब लेपचा लोगों ने यहां एक स्वतंत्र राज्य की नींव रखी और फिर 1642 में नामग्याल वंश का शासन शुरू हुआ। ब्रिटिश काल में सिक्किम एक संरक्षित राज्य बन गया और भारत की आजादी के बाद भी यही स्थिति बनी रही। लेकिन चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जा करने के बाद भारत ने सिक्किम की स्थिति पर फिर से विचार किया। 1973 में जब वहां आंदोलन शुरू हुआ तो भारत ने हस्तक्षेप किया और इस राज्य को भारत में मिला लिया गया।
आज का सिक्किम: विकास और आत्मनिर्भरता की मिसाल
आज सिक्किम शिक्षा स्वास्थ्य और जीवन स्तर के मामले में देश में सबसे आगे है। यहां की साक्षरता दर 90.67 प्रतिशत है और प्रति व्यक्ति आय 7.07 लाख रुपये प्रति वर्ष है। यहां की जनसंख्या मात्र 6 लाख है और महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सरकारी नौकरियों में आरक्षण है। यहां का कृषि उत्पादन पूरी तरह जैविक है और स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त हैं। शिशु मृत्यु दर भी सबसे कम है। सिक्किम भारत में सबसे शांत और सुरक्षित राज्यों में से एक बन चुका है।