केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री Nitin Gadkari ने मंगलवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अगले दो वर्षों में भारत का सड़क नेटवर्क अमेरिका से बेहतर हो जाएगा। उन्होंने कहा, “मुझे सड़क क्षेत्र में किसी समस्या की आशंका नहीं है। इस साल और अगले साल जो बदलाव होंगे, वे इतने महत्वपूर्ण होंगे कि पहले मैं कहता था कि हमारा हाईवे नेटवर्क अमेरिका के बराबर होगा, लेकिन अब मैं कहता हूं कि यह अमेरिका से बेहतर होगा।”
गडकरी ने आगे कहा कि भारत आने वाले पांच वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को अपनाने और उनके निर्माण में अमेरिका को पीछे छोड़ देगा। उन्होंने यह भी कहा कि शहरों के बीच यात्रा के समय को कम करने के लिए मंत्रालय कई योजनाओं पर काम कर रहा है। इसके तहत दिल्ली, देहरादून, जयपुर और बेंगलुरु जैसे शहरों के बीच यात्रा का समय काफी घट जाएगा।
भारत में EV का भविष्य सुनहरा
नितिन गडकरी ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और उपयोग में अमेरिका को पीछे छोड़ देगा। उन्होंने कहा कि सरकार EV निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई नीतिगत कदम उठा रही है। गडकरी ने कहा, “हमने ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में इजाफा होगा।”
टेस्ला की एंट्री पर गडकरी का बयान
जब गडकरी से टेस्ला के भारत में प्रवेश को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “यह एक खुला बाजार है। जो भी सक्षम है, उसे आना चाहिए, उत्पादन करना चाहिए और कीमतों में प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि भारतीय वाहन निर्माता गुणवत्ता को प्राथमिकता देते हैं न कि लागत को। गडकरी ने विश्वास जताया कि भारतीय वाहन निर्माता बेहतर गुणवत्ता के साथ प्रतिस्पर्धी मूल्य पर वाहन उपलब्ध कराएंगे।
लॉजिस्टिक्स लागत में कमी का लक्ष्य
गडकरी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य लॉजिस्टिक्स लागत को सिंगल डिजिट में लाना है, जिससे भारत वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूत होगा। वर्तमान में देश की लॉजिस्टिक्स लागत जीडीपी का 14-16 प्रतिशत है, जबकि विकसित देशों में यह 8-10 प्रतिशत के आसपास है। उन्होंने कहा, “हम लॉजिस्टिक्स लागत को सिंगल डिजिट में लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इससे हमारे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और उद्योग को लाभ होगा।”
हर दिन 60 किलोमीटर सड़क निर्माण का लक्ष्य
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मंत्रालय का लक्ष्य प्रतिदिन 60 किलोमीटर सड़क का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सड़क निर्माण की गति में तेजी आई है और आने वाले वर्षों में यह और भी तेज होगी।
वाहन स्क्रैपिंग नीति का लाभ
गडकरी ने वाहन स्क्रैपिंग नीति को गेम चेंजर बताया। उन्होंने कहा कि इसके जरिए ऑटो कंपोनेंट की कीमतों में 30 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। इससे वाहनों की लागत घटेगी और उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा, “हमने स्क्रैपिंग नीति लागू की है, जिससे ऑटो कंपोनेंट की कीमतें 30 प्रतिशत तक घटेंगी। इससे वाहन सस्ते होंगे और उपभोक्ताओं को फायदा मिलेगा।”
लिथियम भंडार से भारत को होगा लाभ
गडकरी ने जम्मू-कश्मीर में मिले लिथियम भंडार का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यहां दुनिया का 6 प्रतिशत लिथियम है, जिससे लाखों बैटरियां बनाई जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि अडानी समूह और टाटा जैसे बड़े समूह भारत में लिथियम-आयन बैटरियों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करेंगे।
भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की प्रगति
गडकरी ने भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह तेज गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ऑटोमोबाइल उद्योग में जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन गया है। उन्होंने कहा, “हमारा ऑटोमोबाइल उद्योग दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है। यह देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और रोजगार के अवसर पैदा करेगा।”
EV इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार का जोर
गडकरी ने कहा कि सरकार शहरों और हाईवे पर EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से विकसित कर रही है। इससे ईवी की मांग में तेजी आएगी और पेट्रोल-डीजल वाहनों पर निर्भरता कम होगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत में इलेक्ट्रिक वाहन प्रमुख परिवहन साधन बनेंगे।
नितिन गडकरी के अनुसार, अगले दो वर्षों में भारत का हाईवे नेटवर्क अमेरिका से बेहतर होगा। साथ ही, सरकार ईवी को बढ़ावा देने, लॉजिस्टिक्स लागत कम करने और वाहन स्क्रैपिंग नीति को लागू कर ऑटो सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव लाने की तैयारी कर रही है। भारत अब ऑटोमोबाइल उत्पादन में भी विश्व स्तर पर अपना दबदबा बना रहा है, जो देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।