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Friday, March 21, 2025
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Reserve Bank of India: “डिजिटल गिरफ्तारी” के नाम पर साइबर अपराधी धोखा दे रहे, खुद को रखें सतर्क

Reserve Bank of India (RBI) ने देश के सभी नागरिकों को एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। आरबीआई ने लोगों से विशेष रूप से व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं को सतर्क रहने का आग्रह किया है। जैसा कि हम जानते हैं, भारत में साइबर धोखाधड़ी और साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। इन अपराधों से निपटने के लिए केंद्रीय सरकार के साथ-साथ सभी राज्य सरकारें भी अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार प्रयास कर रही हैं, लेकिन साइबर अपराधों में कमी तब तक नहीं आ सकती, जब तक हम खुद सतर्क नहीं हो जाते।

आरबीआई ने दी क्या चेतावनी?

साइबर अपराधी लगातार नए तरीकों से लोगों को धोखा दे रहे हैं। इस कड़ी में, “डिजिटल गिरफ्तारी” के मामलों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। रिजर्व बैंक ने लोगों को जागरूक करते हुए इस तरह के अपराधों से बचने के लिए एक संदेश जारी किया है। आरबीआई ने अपनी चेतावनी में कहा, “क्या आपको डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी दी जा रही है? कानून में ऐसा कुछ भी नहीं है। व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी साझा न करें और कोई भुगतान न करें। मदद के लिए 1930 पर कॉल करें।”

यह संदेश विशेष रूप से उन लोगों के लिए है, जो व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं। दरअसल, साइबर अपराधी व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल करके लोगों को “डिजिटल गिरफ्तारी” की धमकी दे रहे हैं और फिर उनसे बड़ी रकम की मांग कर रहे हैं। इन अपराधों के कारण न केवल लोगों ने करोड़ों रुपये खोए हैं, बल्कि कुछ लोगों ने तनाव के कारण अपनी जान भी गंवा दी है। आरबीआई ने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारतीय कानून में “डिजिटल गिरफ्तारी” जैसी कोई अवधारणा नहीं है।

Reserve Bank of India: "डिजिटल गिरफ्तारी" के नाम पर साइबर अपराधी धोखा दे रहे, खुद को रखें सतर्क

व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए धोखाधड़ी

साइबर अपराधी व्हाट्सएप और अन्य वीडियो कॉलिंग एप्लिकेशन का इस्तेमाल करके लोगों को डराने-धमकाने और धोखा देने के नए-नए तरीके अपना रहे हैं। ये अपराधी किसी व्यक्ति को कॉल करते हैं और उसे यह कहकर डराते हैं कि उसे “डिजिटल गिरफ्तारी” का सामना करना पड़ेगा। इसके बाद, वे पीड़ित व्यक्ति से उसकी व्यक्तिगत जानकारी और पैसे की मांग करते हैं। इस तरह के अपराधों में कई लोग बड़ी रकम खो चुके हैं, और कई बार तो लोग मानसिक दबाव के कारण आत्महत्या जैसी गंभीर कदम उठा चुके हैं।

किसे होती है सबसे ज्यादा चिंता?

इस तरह के साइबर अपराधों का शिकार अक्सर वे लोग होते हैं जो टेक्नोलॉजी के मामले में कम जागरूक होते हैं। खासकर बुजुर्ग लोग, जो नई तकनीकी जानकारियों से दूर रहते हैं, इन अपराधों के आसान निशान होते हैं। साथ ही, जो लोग पैसे की तंगी से गुजर रहे होते हैं, वे इस तरह के धोखाधड़ी के जाल में जल्दी फंस जाते हैं। साइबर अपराधी इन कमजोर बिंदुओं का फायदा उठाते हैं और लोग आसानी से उनके झांसे में आ जाते हैं।

आरबीआई की सलाह और चेतावनी

आरबीआई ने यह स्पष्ट किया है कि अगर आपको इस तरह की कोई वीडियो कॉल मिलती है और आपको डिजिटल गिरफ्तारी की धमकी दी जाती है, तो सबसे पहले आपको कॉल को तुरंत काट देना चाहिए। इसके बाद, आपको केंद्रीय हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके साइबर अपराध की रिपोर्ट करनी चाहिए। यह नंबर विशेष रूप से साइबर अपराधों से निपटने के लिए जारी किया गया है और इसमें आपको पूरी मदद मिल सकती है।

इसके अलावा, आरबीआई ने लोगों से यह भी अपील की है कि वे अपनी व्यक्तिगत जानकारी, बैंक डिटेल्स या वित्तीय जानकारी किसी भी अजनबी से शेयर न करें। किसी भी स्थिति में, अगर आपको फोन कॉल, संदेश या वीडियो कॉल के जरिए किसी प्रकार की डरावनी धमकी मिलती है, तो सबसे पहले उस पर विश्वास न करें। आपको इस मामले में तुरंत साइबर अपराध हेल्पलाइन पर संपर्क करना चाहिए और आगे की कार्रवाई के बारे में जानकारी लेनी चाहिए।

आरबीआई के साथ-साथ सरकार की भी तैयारी

साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्रीय और राज्य सरकारें दोनों ही सक्रिय हैं। सरकार ने साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं और साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। इसके साथ ही, सरकार द्वारा कई जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं, ताकि लोग इन अपराधों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें और इनसे बचने के लिए सतर्क रहें।

किसे और कैसे करना चाहिए सतर्क?

  1. अपने फोन नंबर और ईमेल की सुरक्षा: किसी भी अपरिचित व्यक्ति से संपर्क होने पर, अपने व्यक्तिगत विवरण जैसे फोन नंबर, बैंक डिटेल्स आदि साझा करने से बचें।

  2. डिजिटल सुरक्षितता के उपाय: अपनी सोशल मीडिया और व्हाट्सएप जैसी ऐप्स पर सुरक्षा सेटिंग्स को सख्त बनाएं और किसी भी अजनबी से संपर्क करने पर सतर्क रहें।

  3. साइबर हेल्पलाइन का प्रयोग करें: किसी भी साइबर अपराध की जानकारी के लिए 1930 पर कॉल करें, यह राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर है। यहाँ से आपको उचित मार्गदर्शन मिलेगा।

  4. साइबर अपराध के बारे में जागरूकता: अपने परिवार, विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को साइबर अपराध के बारे में जानकारी दें। उन्हें बताएं कि उन्हें किसी भी ऑनलाइन धोखाधड़ी से कैसे बचना है।

भारत में साइबर अपराधों के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है और “डिजिटल गिरफ्तारी” जैसी धोखाधड़ी इस बढ़ते खतरे का एक नया रूप है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस मामले में लोगों को सतर्क किया है और साइबर अपराधियों से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी है। लोगों को साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए जागरूक रहना बेहद जरूरी है। अगर हम खुद सतर्क रहते हैं और सही जानकारी प्राप्त करते हैं, तो इन अपराधों को कम किया जा सकता है।

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