Transshipment Hub: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के तट पर स्थित विजिंजम इंटरनेशनल पोर्ट का आधिकारिक उद्घाटन कर दिया है। यह पोर्ट दिसंबर 2024 से ही व्यावसायिक रूप से चालू हो चुका था। अब यह भारत का पहला डीप वॉटर कंटेनर टर्मिनल और पहला ट्रांसशिपमेंट हब बन गया है।
अदानी ग्रुप का 20000 करोड़ का बड़ा ऐलान
विजिंजम पोर्ट प्रोजेक्ट की शुरुआत दिसंबर 2015 में हुई थी जिसकी कुल लागत करीब 8900 करोड़ रुपये आंकी गई थी। यह प्रोजेक्ट केरल सरकार और अदानी पोर्ट्स के बीच पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बन रहा है। अब तक इसमें 5000 करोड़ रुपये निवेश हो चुका है और अब अदानी ग्रुप ने इसमें 20000 करोड़ और लगाने की घोषणा की है।
क्या होता है ट्रांसशिपमेंट हब
ट्रांसशिपमेंट हब वह बंदरगाह होता है जहां बड़े जहाज अपने कंटेनर उतारते हैं और फिर छोटे जहाज उन कंटेनरों को उनके अंतिम गंतव्य तक ले जाते हैं। यह हब गहरे पानी वाले बंदरगाह होते हैं जहां बड़े मालवाहक जहाज आसानी से आ सकते हैं और उनका सामान क्षेत्रीय पोर्ट तक भेजा जा सकता है।
देश को क्या मिलेगा इस बंदरगाह से फायदा
विजिंजम ट्रांसशिपमेंट हब भारत को कोलंबो सिंगापुर और दुबई जैसे विदेशी पोर्ट्स पर निर्भरता से मुक्त करेगा। फिलहाल भारत अपने ट्रांसशिपमेंट कार्गो का 75 प्रतिशत हिस्सा विदेशी पोर्ट्स से निपटाता है। इस बंदरगाह के शुरू होने से भारत हर साल लगभग 200 से 400 मिलियन डॉलर की बचत कर सकेगा।
सुरक्षा और व्यापार दोनों को मिलेगा नया बल
विजिंजम बंदरगाह अब भारत के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम बन गया है। यहां अब दुनिया के सबसे बड़े जहाज भी आ सकेंगे जो अन्य किसी भारतीय बंदरगाह पर नहीं आ सकते। इससे रोजगार बढ़ेगा व्यापार को रफ्तार मिलेगी और हिंद महासागर में भारत की निगरानी क्षमता भी और मजबूत होगी।