back to top
Friday, March 21, 2025
HomeखेलShivalkar: भारतीय क्रिकेट में शोक की लहर, दिग्गज स्पिनर पद्माकर शिवलकर का...

Shivalkar: भारतीय क्रिकेट में शोक की लहर, दिग्गज स्पिनर पद्माकर शिवलकर का निधन!

Shivalkar: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल मुकाबले से पहले भारतीय क्रिकेट के लिए दुखद खबर आई है। मुंबई के दिग्गज स्पिनर पद्माकर शिवलकर का निधन हो गया है। 84 वर्षीय शिवलकर का 3 मार्च को मुंबई में उम्र संबंधी समस्याओं के कारण निधन हो गया।

शिवलकर ने मुंबई के लिए घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया और अपने नाम 500 से अधिक विकेट दर्ज किए। उनके निधन से भारतीय क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

घरेलू क्रिकेट में जबरदस्त प्रदर्शन

पद्माकर शिवलकर एक बाएं हाथ के स्पिनर थे। उन्होंने 22 वर्ष की उम्र में रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया और 48 वर्ष की उम्र तक क्रिकेट खेलते रहे।

शिवलकर ने अपने करियर में 1961-62 से 1987-88 तक कुल 124 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 589 विकेट अपने नाम किए। उनका गेंदबाजी औसत 19.69 रहा, जो उनकी काबिलियत को दर्शाता है।

उनके प्रदर्शन की खास बात यह थी कि उन्होंने

  • 42 बार 5 विकेट हॉल
  • 13 बार 10 विकेट हॉल

हासिल किया।

घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद, उन्हें कभी भी भारतीय राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने का मौका नहीं मिला। इसके अलावा, उन्होंने 12 लिस्ट ए मैच भी खेले और 16 विकेट अपने नाम किए।

1972-73 रणजी ट्रॉफी फाइनल में ऐतिहासिक प्रदर्शन

पद्माकर शिवलकर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1972-73 के रणजी ट्रॉफी फाइनल में आया था। इस मुकाबले में उन्होंने तमिलनाडु के खिलाफ मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) को ऐतिहासिक जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

इस फाइनल में उन्होंने—

  • पहली पारी में 8 विकेट सिर्फ 16 रन देकर
  • दूसरी पारी में 5 विकेट सिर्फ 18 रन देकर

तमिलनाडु को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। उनकी इस गेंदबाजी की बदौलत मुंबई ने शानदार जीत दर्ज की और रणजी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया।

BCCI से मिला ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ अवार्ड

उनकी शानदार उपलब्धियों को देखते हुए, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने साल 2017 में उन्हें सीके नायडू ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ अवार्ड से सम्मानित किया।

उनका योगदान मुंबई क्रिकेट और भारतीय घरेलू क्रिकेट में अतुलनीय रहा, और उनकी गेंदबाजी की प्रतिभा को हर किसी ने सराहा।

सुनील गावस्कर ने जताया शोक

महान भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने पद्माकर शिवलकर के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह वास्तव में बहुत दुखद खबर है। कम समय में मुंबई क्रिकेट ने अपने दो दिग्गज खिलाड़ियों – मिलिंद रेगे और अब पद्माकर शिवलकर को खो दिया। ये दोनों मुंबई क्रिकेट के लिए जीत की नींव रखने वाले खिलाड़ी थे।”

गौरतलब है कि पूर्व मुंबई कप्तान और मुख्य चयनकर्ता मिलिंद रेगे का 19 फरवरी को निधन हो गया था, और अब शिवलकर के निधन से क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) ने भी जताया दुख

मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) के अध्यक्ष अजिंक्य नाइक ने भी शिवलकर के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, “मुंबई क्रिकेट ने आज एक सच्चे दिग्गज को खो दिया है। पद्माकर शिवलकर सर का योगदान, खासकर एक महान स्पिनर के रूप में, हमेशा याद रखा जाएगा। उनकी प्रतिबद्धता, प्रतिभा और मुंबई क्रिकेट पर उनकी गहरी छाप अतुलनीय है। उनका निधन क्रिकेट जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।”

पद्माकर शिवलकर: एक दुर्भाग्यशाली क्रिकेटर

शिवलकर को भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे दुर्भाग्यशाली खिलाड़ियों में से एक माना जाता है।

क्योंकि

  • घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बावजूद, उन्हें कभी भी भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिला।
  • उनके समय में भारत के पास पहले से ही बिशन सिंह बेदी, वेंकटराघवन, प्रसन्ना और चंद्रशेखर जैसे बेहतरीन स्पिनर मौजूद थे।
  • चयनकर्ताओं ने हमेशा उन्हें नजरअंदाज किया, जबकि वह अपने समय के सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में से एक थे।

अगर आज के समय में उनका प्रदर्शन होता, तो शायद उन्हें भारतीय टीम में खेलने के कई मौके मिलते।

क्रिकेट जगत में शोक की लहर

शिवलकर के निधन से भारतीय क्रिकेट जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

  • मुंबई क्रिकेट के पूर्व और वर्तमान खिलाड़ियों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
  • क्रिकेट प्रेमियों ने भी उनके योगदान को याद करते हुए दुख जताया।

मुंबई क्रिकेट के लिए उनका योगदान अमिट रहेगा और उनकी गेंदबाजी की कला आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।

पद्माकर शिवलकर भारतीय क्रिकेट के ऐसे नायक थे, जिनकी चमक कभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं दिखी, लेकिन घरेलू क्रिकेट में वह एक बेमिसाल सितारे थे।

उनकी शानदार स्पिन गेंदबाजी, रणजी ट्रॉफी में ऐतिहासिक प्रदर्शन, और मुंबई क्रिकेट के लिए अतुलनीय योगदान ने उन्हें हमेशा के लिए अमर कर दिया।

हालांकि, वह भारतीय टीम के लिए कभी नहीं खेले, लेकिन क्रिकेट जगत में उनका नाम हमेशा सम्मान के साथ लिया जाएगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments