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Friday, March 21, 2025
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Share Market में हलचल! बड़े, मिड और स्मॉल कैप में बढ़ता अंतर, रामदेव अग्रवाल चिंतित

भारतीय Share Market इन दिनों भारी गिरावट के दौर से गुजर रहा है। सभी तरफ से बिकवाली का दबाव बढ़ रहा है, जिससे बाजार लगातार नीचे गिरता जा रहा है। एनएसई का निफ्टी अपने अब तक के उच्चतम स्तर से 16 प्रतिशत गिर चुका है। इस गिरावट ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन और अनुभवी निवेशक रामदेव अग्रवाल ने इस गिरावट पर चिंता जताई है और कहा है कि यदि गिरावट जारी रही तो बाजार और अधिक तेज़ी से नीचे जाएगा।

बाजार के लिए यह भी एक बड़ी चुनौती

CNBC-TV18 को दिए गए एक इंटरव्यू में रामदेव अग्रवाल ने बताया कि हर गिरावट के पीछे एक नई कहानी होती है और यही शेयर बाजार की खूबसूरती भी है। उन्होंने कहा, “अभी हम जिस गिरावट का सामना कर रहे हैं, वह इस कारण हो रही है कि कंपनियों की कमाई की गति धीमी हुई है, हालांकि यह पूरी तरह से नहीं टूटी है। बाजार नियामक (SEBI) ने हर क्षेत्र में कड़ी निगरानी रखी है। हाल ही में चुनाव भी हुए, सरकारी खर्च और अन्य कार्यों में देरी हुई, लेकिन यह चरण अब समाप्त हो गया है।”

उन्होंने यह भी बताया कि निफ्टी का पी/ई (Price-to-Earnings) अनुपात 20 से नीचे आ गया है, जो इसके 10 साल के औसत से भी कम है। इसका मतलब यह है कि बाजार मौजूदा स्तरों पर आकर्षक दिख सकता है, लेकिन निवेशकों को अभी भी सतर्क रहने की जरूरत है।

बड़े, मिड और स्मॉल कैप शेयरों में असंतुलन

रामदेव अग्रवाल ने शेयर बाजार में बड़े (Large Cap), मध्यम (Mid Cap) और छोटे (Small Cap) शेयरों के बीच बढ़ते अंतर को एक बड़ी चुनौती बताया।

  • पिछले पांच वर्षों में निफ्टी 95-96 प्रतिशत तक बढ़ा है।
  • जबकि मिड-कैप स्टॉक्स में 177-180 प्रतिशत तक की जबरदस्त तेजी आई है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में इनके बीच का अंतर बहुत अधिक हो गया है। मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में आई बेतहाशा तेजी से बाजार में असंतुलन पैदा हो गया है।

इसे संतुलित करने के लिए क्या करना होगा?

इस अंतर को कम करने के लिए निवेशकों को बड़े और मिड-कैप शेयरों में निवेश बढ़ाना होगा। इसी तरह, मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों के बीच का अंतर भी काफी बड़ा हो गया है, जिसे संतुलित करने के लिए निवेशकों को सावधानीपूर्वक रणनीति अपनानी होगी।

आज के शेयर बाजार की स्थिति

सोमवार को भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ खुला, जिससे निवेशकों में उत्साह देखा गया।

  • सेंसेक्स ने 400 से अधिक अंकों की बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत की।
  • निफ्टी में भी 100 अंकों से अधिक की तेजी देखी गई।

हालांकि, आधे घंटे बाद ही बाजार में फिर से गिरावट दर्ज की गई और शुरुआती बढ़त खत्म हो गई।

Share Market में हलचल! बड़े, मिड और स्मॉल कैप में बढ़ता अंतर, रामदेव अग्रवाल चिंतित

निवेशकों के लिए आगे की रणनीति

इस अस्थिर बाजार में निवेशकों के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए:

1. दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाएं

शेयर बाजार में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव आम बात है। ऐसे में लंबी अवधि के लिए निवेश करने वाले निवेशकों को धैर्य बनाए रखना चाहिए।

2. मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश करें

ऐसे समय में केवल अच्छी बैलेंस शीट और मजबूत कमाई वाले शेयरों में निवेश करना सुरक्षित रहेगा।

3. डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाएं

केवल मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों पर निर्भर रहने के बजाय, निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में लार्ज-कैप शेयरों को भी शामिल करना चाहिए।

4. पी/ई अनुपात और वैल्यूएशन पर ध्यान दें

निफ्टी का पी/ई अनुपात 20 से नीचे आ गया है, जो एक संकेत है कि कुछ क्षेत्रों में वैल्यूएशन आकर्षक हो सकता है। ऐसे में कम वैल्यूएशन वाले अच्छे शेयरों की पहचान करके निवेश किया जा सकता है।

5. बाजार की गिरावट को अवसर के रूप में देखें

गिरावट के समय कम कीमत पर अच्छे शेयर खरीदना एक अच्छी रणनीति हो सकती है, लेकिन इसके लिए सही स्टॉक्स चुनना बेहद जरूरी है।

क्या भारतीय शेयर बाजार में और गिरावट आएगी?

रामदेव अग्रवाल के अनुसार, यदि बाजार में मौजूदा गिरावट जारी रहती है, तो बाजार और अधिक गिर सकता है।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और बाजार नियामक इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और आगे की नीतियों से बाजार में स्थिरता आ सकती है।

भारतीय शेयर बाजार में वर्तमान में बिकवाली का दबाव बढ़ रहा है, जिससे निफ्टी अपने उच्चतम स्तर से 16 प्रतिशत तक गिर चुका है। मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में अत्यधिक तेजी ने बाजार में असंतुलन पैदा कर दिया है। ऐसे में निवेशकों को लार्ज-कैप और फंडामेंटल रूप से मजबूत शेयरों पर ध्यान देना चाहिए।

शेयर बाजार के विशेषज्ञ रामदेव अग्रवाल ने बाजार में आगे गिरावट की संभावना जताई है, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह एक अस्थायी चरण है और सरकार की नीतियों तथा अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ बाजार फिर से मजबूती पकड़ सकता है।

निवेशकों को घबराने के बजाय सोच-समझकर निवेश करने की जरूरत है ताकि वे इस गिरावट को एक अवसर में बदल सकें।

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