Remittance: अमेरिका में पेश किए गए एक नए विधेयक ‘द वन बिग ब्यूटीफुल बिल‘ ने भारत में हलचल मचा दी है। इस बिल में एक प्रस्ताव है जिसके तहत अमेरिका में रहने वाले गैर नागरिकों द्वारा भारत भेजे जाने वाले पैसों पर पांच प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा। इससे भारत में रह रहे उन परिवारों को नुकसान हो सकता है जो अपनी रोजमर्रा की जरूरतें इन पैसों से पूरी करते हैं।
किन लोगों पर पड़ेगा सीधा असर
इस प्रस्ताव से लगभग 40 मिलियन लोग प्रभावित हो सकते हैं जिनमें ग्रीन कार्ड धारक और एच1बी वीजा पर अमेरिका में रहने वाले भारतीय शामिल हैं। ये टैक्स केवल गैर नागरिकों पर लागू होगा और अमेरिकी नागरिकों पर नहीं लगेगा। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के अनुसार इस प्रस्ताव से भारत को हर साल अरबों डॉलर की विदेशी मुद्रा का नुकसान हो सकता है।
भारतीय रुपया आ सकता है दबाव में
GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव का कहना है कि अगर यह प्रस्ताव कानून बन जाता है तो भारत को हर साल लगभग 12 से 18 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। इस नुकसान से विदेशी मुद्रा की सप्लाई घटेगी जिससे भारतीय रुपये पर दबाव पड़ेगा। ऐसे में रिजर्व बैंक को रुपये को स्थिर रखने के लिए बार बार दखल देना पड़ सकता है जिससे रुपया कमजोर हो सकता है।
भारत में आने वाले पैसे पर बड़ा असर
भारतीय रिजर्व बैंक के मार्च बुलेटिन के मुताबिक 2023-24 में भारत को अमेरिका से कुल 32.9 अरब डॉलर की रेमिटेंस मिली थी। अगर इस पर पांच प्रतिशत टैक्स लागू हो गया तो भारतीयों को हर साल लगभग 1.64 अरब डॉलर का नुकसान होगा। यह पैसा ज्यादातर परिवार की देखभाल और जरूरतों में खर्च होता है इसलिए इसकी कीमत बढ़ने से सामाजिक और आर्थिक असर भी पड़ेगा।
वैश्विक स्तर पर बढ़ेगी चिंता
रेमिटेंस की लागत कम करने का लक्ष्य हमेशा से एक वैश्विक नीति एजेंडा रहा है ताकि प्रवासी अपने परिवारों को अधिक पैसा भेज सकें। अगर अमेरिका में यह कानून बन जाता है तो न केवल भारत बल्कि दूसरे देशों के लिए भी यह चिंता की बात होगी। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रेमिटेंस प्रणाली पर असर पड़ सकता है।