Indian Telecom Department (DoT) ने फर्जी सिम कार्ड बनाने के मामले में बड़ा एक्शन लिया है। हैदराबाद यूनिट और तेलंगाना पुलिस ने मिलकर दो बक्सों में 512 सिम कार्ड स्लॉट और 130 फर्जी सिम कार्ड जब्त किए हैं। यह कार्रवाई सिम कार्ड्स के जरिए बैंक धोखाधड़ी किए जाने के खतरे को देखते हुए की गई है। विभाग ने इस मामले की जानकारी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर साझा की है।
फर्जी सिम कार्ड्स की जब्ती
टेलीकॉम विभाग के अनुसार, जब्त किए गए 130 सिम कार्ड्स सरकारी टेलिकॉम ऑपरेटर BSNL के थे। इन सिम कार्ड्स का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर फर्जी गतिविधियों के लिए किया जा सकता था, जैसे कि बैंक धोखाधड़ी। इस बारे में विभाग ने जानकारी दी कि 500 फर्जी सिम कार्ड्स पहले ही बेचे जा चुके थे और अब यह मामला जांच के तहत है। इस प्रकरण में एक एजेंट का नाम सामने आया है, जो इन फर्जी सिम कार्ड्स को बेचने में शामिल था।
विवरण के अनुसार, एजेंट ने Vodafone-Idea के POS से बेचे 500 फर्जी सिम कार्ड्स
रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद यूनिट ने बताया कि यह एजेंट Vodafone-Idea के एक पॉइंट ऑफ सेल (POS) से 500 फर्जी सिम कार्ड्स बेच चुका था। इस मामले में सिम कार्ड्स को प्राप्त करने के लिए जो दस्तावेज़ दिए गए थे, उनकी जांच की जा रही है। टेलीकॉम विभाग के मुताबिक, ये सिम कार्ड्स अनरजिस्टर्ड टेलिमार्केटर्स को सप्लाई किए गए थे और इनका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर एसएमएस भेजने के लिए किया जा रहा था।
एफआईआर और पुलिस जांच
इस मामले में अब एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें फर्जी सिम कार्ड्स खरीदने वाले ग्राहक और POS एजेंट को आरोपी बनाया गया है। वहीं, फर्जी सिम कार्ड्स बेचने वाला एजेंट फिलहाल फरार है और पुलिस इसकी तलाश कर रही है। टेलीकॉम विभाग ने इन फर्जी सिम कार्ड्स के स्रोत की जांच शुरू कर दी है और विभाग को उम्मीद है कि जल्दी ही इसका पता चला जाएगा। यह भी बताया जा रहा है कि हाल ही में सरकार ने लाखों फर्जी सिम कार्ड्स को ब्लॉक करने के निर्देश दिए हैं।
आधार बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का होगा अनिवार्य इस्तेमाल
इसके साथ ही, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने टेलीकॉम विभाग को निर्देशित किया है कि अब मोबाइल उपयोगकर्ताओं को बिना आधार बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के नया सिम कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। यह निर्देश बढ़ते हुए साइबर अपराधों को रोकने के लिए जारी किया गया है। अब से नया सिम कार्ड खरीदने के लिए उपयोगकर्ता को आधार बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण से गुजरना पड़ेगा, जिससे फर्जी सिम कार्ड्स के वितरण को रोका जा सकेगा।
फर्जी कॉल्स और मैसेजेस के खिलाफ दिशा-निर्देश जारी
टेलीकॉम विभाग और टेलीकॉम रेगुलेटर ने पिछले साल अगस्त 2024 में फर्जी कॉल्स और मैसेजेस के मामलों को रोकने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे। इन दिशा-निर्देशों के अंतर्गत टेलीकॉम कंपनियों को डीएलटी (डिस्प्ले लिजेंड टेक्नोलॉजी) सिस्टम को लागू करने के निर्देश दिए गए थे। इस सिस्टम का उद्देश्य ग्राहकों को फर्जी कॉल्स और संदेशों से बचाना है और यह सुनिश्चित करना है कि उपयोगकर्ता को किसी प्रकार की धोखाधड़ी का सामना न हो।
सरकार का फर्जी सिम कार्ड्स पर कड़ी कार्रवाई का फैसला
फर्जी सिम कार्ड्स का इस्तेमाल कई तरह के धोखाधड़ी और अपराधों के लिए किया जाता है, जिससे न केवल उपयोगकर्ताओं को नुकसान होता है, बल्कि पूरे टेलीकॉम नेटवर्क की सुरक्षा भी प्रभावित होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस दिशा में कड़े कदम उठाए हैं। अब, सिम कार्ड के लिए आधार बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण की अनिवार्यता लागू कर दी गई है, जिससे साइबर अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी और फर्जी सिम कार्ड्स की बिक्री पर लगाम लगेगी।
साइबर अपराधों के खिलाफ सरकार की नई नीति
यह कदम साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए उठाया गया है। फर्जी सिम कार्ड्स का इस्तेमाल अधिकतर बैंक धोखाधड़ी, ऑनलाइन ठगी और अन्य साइबर अपराधों में किया जाता है, जो उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता और सुरक्षा को खतरे में डालते हैं। सरकार के इस निर्णय से न केवल फर्जी सिम कार्ड्स की बिक्री पर काबू पाया जाएगा, बल्कि ग्राहकों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। सरकार का उद्देश्य है कि फर्जी सिम कार्ड्स की बिक्री को पूरी तरह से रोका जाए और इसे कड़े नियमों के तहत नियंत्रित किया जाए।
नए दिशा-निर्देश और सुरक्षा उपाय
सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों से यह भी निर्देशित किया है कि वे ग्राहकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और नई सुरक्षा उपायों को लागू करें। इसके तहत, कंपनियों को अपने नेटवर्क की निगरानी बढ़ाने, अनियमित गतिविधियों को ट्रैक करने और संभावित साइबर अपराधों को रोकने के लिए नए उपकरणों का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। इस निर्णय के तहत, अब टेलीकॉम कंपनियों को हर नए सिम कार्ड के लिए आधार बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण प्रक्रिया लागू करनी होगी, जिससे धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिल सके।
यह कार्रवाई यह साबित करती है कि सरकार और टेलीकॉम विभाग साइबर अपराधों और फर्जी सिम कार्ड्स की समस्या को लेकर गंभीर है। इन नए कदमों के द्वारा फर्जी सिम कार्ड्स की बिक्री को रोकने और उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। भारत में अब यह आवश्यक हो गया है कि टेलीकॉम कंपनियां और उपयोगकर्ता दोनों इस दिशा में सरकार के नए नियमों का पालन करें और साइबर अपराधों के खिलाफ एक मजबूत सुरक्षा प्रणाली तैयार करें।