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Friday, July 11, 2025
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Indian currency: नोट पर क्यों सिर्फ गांधी जी? जानिए टैगोर और मदर टेरेसा कैसे रह गए पीछे

Indian currency पर महात्मा गांधी की तस्वीर क्यों होती है, यह सवाल कई बार लोगों के मन में आता है। अब इस पर खुद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक डॉक्यूमेंट्री के ज़रिए जवाब दिया है। आरबीआई ने बताया कि नोटों पर प्रसिद्ध व्यक्ति की तस्वीर रखने के लिए कई नामों पर विचार किया गया था, जिनमें रवींद्रनाथ टैगोर, मदर टेरेसा और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद शामिल थे। लेकिन आखिरकार महात्मा गांधी के नाम पर सभी की सहमति बनी और यही वजह है कि अब तक नोटों पर सिर्फ गांधी जी की तस्वीर देखने को मिलती है।

तस्वीर से होती है पहचान में आसानी

आरबीआई के अनुसार, जब नोट पर किसी प्रसिद्ध व्यक्ति की तस्वीर होती है, तो असली और नकली नोट की पहचान करना थोड़ा आसान हो जाता है। खासकर तब, जब नकली नोट की डिज़ाइन बिल्कुल सटीक न हो। इसलिए यह सोचा गया कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से किसी ऐसे व्यक्ति की तस्वीर होना ज़रूरी है जिसे पूरा देश पहचानता हो। गांधी जी न केवल भारत के राष्ट्रपिता माने जाते हैं, बल्कि उनकी पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी है।

Indian currency: नोट पर क्यों सिर्फ गांधी जी? जानिए टैगोर और मदर टेरेसा कैसे रह गए पीछे

स्वतंत्रता से पहले कैसी होती थी नोटों की छपाई

आज जो भारतीय नोटों की डिज़ाइन है, वह आज़ादी के बाद धीरे-धीरे बदलती गई। लेकिन ब्रिटिश काल में नोटों पर जानवरों जैसे शेर, हिरण, हाथी आदि की तस्वीरें होती थीं और साथ ही ब्रिटिश साम्राज्य की भव्यता को दर्शाया जाता था। इन नोटों में राजाओं के चित्र और सजावटी डिज़ाइन हुआ करते थे। लेकिन आज़ादी के बाद भारत ने अपने नोटों में ऐतिहासिक स्थलों, विज्ञान, कृषि और देश की उपलब्धियों को दिखाना शुरू किया।

कब आया पहली बार गांधी जी का चित्र

महात्मा गांधी की तस्वीर पहली बार 1969 में एक स्मारक 100 रुपये के नोट पर छपी थी जो उनकी जन्मशताब्दी के अवसर पर जारी किया गया था। इसमें उनके साथ सेवाग्राम आश्रम की भी झलक थी। फिर 1987 में पहली बार नियमित तौर पर 500 रुपये के नोट पर गांधी जी की तस्वीर छपी। इसके बाद 1996 में ‘महात्मा गांधी सीरीज़’ लॉन्च हुई, जिसमें नोटों के डिज़ाइन और सुरक्षा फीचर्स को आधुनिक बनाया गया।

 कैसे पहुंचता है पैसा देश के कोने-कोने तक

‘RBI Unlocked: Beyond the Rupee’ नाम की इस डॉक्यूमेंट्री में आरबीआई की कामकाज को भी दिखाया गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे बैंक नोट प्रेस से छपने के बाद पूरे देश में पैसे को ट्रेनों, हवाई जहाज़ों और जलमार्गों के ज़रिए भेजा जाता है। ये पहली बार है जब आरबीआई ने अपनी भूमिकाओं और कार्यशैली को आम जनता के सामने इतनी विस्तृत और पारदर्शी तरीके से रखा है।

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