Income Tax: नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ हर टैक्सपेयर को तय करना होगा कि वह नए टैक्स सिस्टम को चुने या पुराने को अपनाए खासकर तब जब नए सिस्टम में टैक्स छूट की सीमा बढ़ा दी गई है ये फैसला उनकी सालाना आय और बचत पर निर्भर करेगा
कम इनकम वालों के लिए नया सिस्टम बेहतर
टैक्स एक्सपर्ट विवेक जलान के अनुसार जिनकी सालाना आय बारह लाख रुपए तक है उनके लिए नया टैक्स सिस्टम फायदेमंद है सैलरी पाने वालों के लिए ये सीमा बारह लाख पचहत्तर हजार रुपए तक है लेकिन जिनकी आय बारह लाख से ज्यादा और पंद्रह लाख तक है उनके लिए पुराना टैक्स सिस्टम ज्यादा बचत दिला सकता है
पाँच लाख पचास हजार की छूट लेने वालों को फायदा
अगर कोई टैक्सपेयर धारा 80सी 24बी 80डी और 80जी जैसी कटौतियों के जरिए करीब पाँच लाख पचास हजार की टैक्स छूट हासिल करता है तो उसके लिए पुराना सिस्टम ज्यादा फायदेमंद रहेगा लेकिन ये तभी काम आएगा जब उसकी सालाना आय पंद्रह लाख रुपए से ज्यादा न हो
बजट में नए सिस्टम को मिली बड़ी राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में मिडिल क्लास को राहत देते हुए नए टैक्स सिस्टम में बारह लाख तक की आय पर टैक्स छूट का ऐलान किया है इसमें सैलरी पाने वालों को स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ बारह लाख पचहत्तर हजार तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा
इनकम के अनुसार नया सिस्टम कुछ जगह फायदे में
अगर किसी की इनकम सोलह लाख रुपए है और उसने ज्यादा कटौती का दावा नहीं किया है तो नया सिस्टम ज्यादा फायदेमंद होगा पुराने सिस्टम में टैक्स एक लाख सत्रह हजार होगा जबकि नए में सिर्फ एक लाख तेरह हजार नए टैक्स स्लैब के अनुसार पच्चीस लाख से ऊपर की इनकम पर तीस प्रतिशत टैक्स लगेगा