सीमेंट के बाद अब Adani Group और आदित्य बिड़ला ग्रुप ने वायर और केबल के बिजनेस में उतरने का ऐलान किया है। यह सेक्टर तेज़ी से बढ़ रहा है और इसमें डबल डिजिट ग्रोथ देखने को मिल रही है। दोनों ग्रुप की एंट्री से इस सेक्टर में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा होने की उम्मीद है।
छोटे खिलाड़ियों पर दबाव बढ़ेगा
अडानी और बिड़ला ग्रुप के आने से इस सेक्टर में मौजूद छोटी कंपनियों पर दबाव बढ़ेगा। सीमेंट सेक्टर में भी यही हुआ था जहां छोटे खिलाड़ी पीछे छूट गए थे। अब वायर और केबल सेक्टर में भी छोटे और असंगठित खिलाड़ी मुश्किल में आ सकते हैं।
शेयर बाजार में गिरावट का असर
अडानी ग्रुप के 19 मार्च को एंट्री की घोषणा के बाद शेयर बाजार में हलचल मच गई। अगले ही दिन Polycab India और KEI Industries के शेयर 52 सप्ताह के निचले स्तर पर आ गए। Havells के शेयर भी 5% और Finolex Cables के 4% गिर गए।
सेक्टर में बड़ी संभावनाएं
भारत का वायर और केबल बाजार करीब 80000 करोड़ रुपये का है जिसमें केबल का हिस्सा 56000 करोड़ और वायर का 24000 करोड़ का है। अनुमान है कि यह बाजार 2028-29 तक 130000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। इस सेक्टर में अभी भी 30% हिस्सेदारी असंगठित क्षेत्र के पास है जिससे नए खिलाड़ियों के लिए मौके हैं।
अडानी-बिड़ला की रणनीति
अडानी ग्रुप ने अपनी कच्छ कॉपर लिमिटेड कंपनी के जरिए Pranita EcoCables नाम की संयुक्त कंपनी बनाई है जो मेटल उत्पाद केबल और वायर बनाएगी। वहीं आदित्य बिड़ला ग्रुप ने फरवरी में घोषणा की थी कि वह 1800 करोड़ रुपये का निवेश कर इस सेक्टर में उतरेंगे। दोनों ग्रुप की एंट्री से इस सेक्टर में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।