बॉलीवुड अभिनेता Sanjay Dutt ने साल 2020 में लंग कैंसर से लड़ाई लड़ी थी। इस बीमारी से जूझना उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन अपनी इच्छाशक्ति और आत्मबल के दम पर उन्होंने कैंसर को मात दी। अब वे पूरी तरह से स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। हाल ही में एक इवेंट के दौरान उन्होंने अपनी कैंसर की लड़ाई के कई अनसुने किस्से साझा किए, जिसमें एक बड़ा खुलासा यह था कि उन्हें कीमोथेरेपी के बाद 6 घंटे तक उल्टा लटकाया गया था।
कैंसर से लड़ना आसान नहीं था
संजय दत्त ने बताया कि जब उन्हें कैंसर हुआ तो उन्होंने यह मानने से ही इंकार कर दिया। वह हमेशा खुद से कहते थे कि ‘मुझे कैंसर नहीं हो सकता’ और इसी मानसिकता के साथ उन्होंने इस कठिन दौर का सामना किया। उन्होंने बताया कि कैंसर के दौरान उनकी हालत बहुत खराब हो गई थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
उन्होंने कहा, “डॉक्टर जो भी बताते थे, मैं उससे उल्टा जवाब देता था। जब डॉक्टर ने कहा कि मेरे बाल झड़ जाएंगे, तो मैंने कहा कि नहीं, ऐसा नहीं होगा। डॉक्टर ने कहा कि मेरे फेफड़ों में पाइप डाले जाएंगे और दो महीने तक रहेंगे, तो मैंने कहा कि इसे दो हफ्ते में निकाल दो।” उनकी इस जिद ने उन्हें मजबूत बनाए रखा।
कीमोथेरेपी के बाद 6 घंटे तक उल्टा लटकाया गया
संजय दत्त ने यह भी खुलासा किया कि कीमोथेरेपी के बाद उनका ट्रीटमेंट आसान नहीं था। डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को बेहतर बनाने के लिए उन्हें 6 घंटे तक उल्टा लटकाया। इस ट्रीटमेंट के पीछे कारण यह था कि उनके शरीर से जहरीले तत्व बाहर निकल सकें और उनका फेफड़ा साफ हो सके। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया बेहद कठिन थी, लेकिन उन्होंने इसे सहन किया।
शूटिंग के लिए अस्पताल से निकलने की जिद
संजय दत्त ने बताया कि वह अपनी दूसरी कीमोथेरेपी के दौरान अस्पताल में थे, जब उन्होंने डॉक्टर से पूछा कि क्या वह शूटिंग के लिए जा सकते हैं। डॉक्टर यह सुनकर हैरान रह गए और बोले, “क्या?” संजय दत्त उस समय फिल्म ‘शमशेरा’ की शूटिंग कर रहे थे।
डॉक्टर ने उन्हें मना कर दिया, लेकिन संजय दत्त अपनी जिद पर अड़े रहे। उन्होंने कहा, “आप मुझे मना नहीं कर सकते। मैं अस्पताल से सीधे शूटिंग पर जाऊंगा और अपना काम पूरा करूंगा।” उनकी यह जिद उनकी मानसिक शक्ति को दर्शाती है, जिसने उन्हें इस मुश्किल घड़ी में मजबूत बनाए रखा।
परिवार और दोस्तों का साथ सबसे जरूरी
संजय दत्त ने कहा कि इस बीमारी से लड़ने के लिए परिवार और दोस्तों का सहयोग बहुत जरूरी होता है। मानसिक रूप से मजबूत रहना ही कैंसर से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने कहा, “अगर आपका मनोबल मजबूत है तो कोई भी बीमारी आपको हरा नहीं सकती।”
संजय दत्त के लिए सबसे मुश्किल समय
संजय दत्त ने बताया कि कैंसर से जूझने के दौरान उनके जीवन का सबसे मुश्किल समय तब था जब उन्हें पता चला कि उन्हें चौथी स्टेज का लंग कैंसर है। यह सुनते ही उनके पैरों तले जमीन खिसक गई थी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। वह अपनी लड़ाई जारी रखते रहे और आज वह स्वस्थ जीवन जी रहे हैं।
बॉलीवुड के कई सितारों ने दी प्रेरणा
बॉलीवुड में संजय दत्त ही नहीं, बल्कि कई अन्य सितारों ने भी कैंसर को हराया है।
- मनिषा कोईराला ने भी ओवेरियन कैंसर से जंग लड़ी और विजेता बनकर उभरीं।
- सोनाली बेंद्रे ने हाई-ग्रेड कैंसर से लड़ाई लड़ी और अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।
- ऋषि कपूर भी कैंसर से जूझे थे, लेकिन दुर्भाग्यवश वह इससे उबर नहीं पाए।
- इरफान खान ने भी कैंसर से लंबी लड़ाई लड़ी, लेकिन इस जंग में उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी।
संजय दत्त का संदेश: ‘कभी हार मत मानो’
संजय दत्त ने कहा कि कैंसर से लड़ने के लिए सबसे जरूरी चीज़ है सकारात्मक सोच और मजबूत इच्छाशक्ति। उन्होंने कहा, “अगर आप अंदर से मजबूत हैं तो कोई भी बीमारी आपको हरा नहीं सकती। मैंने कभी यह नहीं सोचा कि मैं हार जाऊंगा, और इसी सोच ने मुझे इस जंग में जीत दिलाई।”
संजय दत्त की कहानी सिर्फ एक बॉलीवुड सितारे की नहीं, बल्कि एक जुझारू योद्धा की है जिसने जिंदगी की सबसे बड़ी जंग लड़ी और जीती। उनकी कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो कैंसर जैसी घातक बीमारी से लड़ रहे हैं। उन्होंने दिखा दिया कि अगर मन में जीत की चाह हो और हिम्मत न हारें, तो किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है।
अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं और अपने आगामी प्रोजेक्ट्स में व्यस्त हैं। उनकी यह कहानी लाखों लोगों के लिए प्रेरणादायक है और यह साबित करती है कि ‘अगर हौसला हो तो कोई भी मुश्किल पहाड़ से बड़ा नहीं होता।’