Adani Group ने कहा है कि उसके पास कर्ज चुकाने के लिए पर्याप्त नकदी उपलब्ध है और दिसंबर 2024 को समाप्त हुए 12 महीनों में उसने रिकॉर्ड प्री-टैक्स मुनाफा कमाया है। ग्रुप ने निवेशकों और ऋणदाताओं को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की कि उसका व्यापार मजबूत स्थिति में बना हुआ है।
Adani Group की वित्तीय स्थिति
Adani Group ने अपनी वित्तीय रिपोर्ट में बताया कि अगले 28 महीनों तक दीर्घकालिक ऋण चुकाने के लिए नकदी की कोई कमी नहीं होगी। रिपोर्ट के अनुसार, समूह के पास कुल नकदी ₹53,024 करोड़ थी। यह रिपोर्ट मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के पहले नौ महीनों के लिए जारी की गई थी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि समूह की सभी कंपनियों के पास अगले 12 महीनों तक अपने ऋण दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त तरलता है। 30 सितंबर 2024 तक, समूह के पास नकद शेष राशि ₹58,908 करोड़ थी। यह राशि वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल 2023 से मार्च 2024) के दौरान अर्जित ₹59,791 करोड़ के कुल राजस्व से थोड़ी कम है। वर्तमान में, नकद शेष राशि समूह के कुल ऋण का 20.5 प्रतिशत है।
कुल संपत्तियों में वृद्धि
अडानी ग्रुप की कुल परिसंपत्तियाँ ₹5.53 लाख करोड़ तक पहुँच चुकी हैं, जो लगभग तीन दशकों में बनाई गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024 की तुलना में समूह के शुद्ध ऋण से सकल परिसंपत्तियों का अनुपात 2.7 गुना तक सुधर गया है।
वित्त वर्ष 2024 के अंत में समूह का कुल ऋण ₹2.41 लाख करोड़ था, जो अब बढ़कर ₹2.58 लाख करोड़ हो गया है। हालांकि, नकदी को समायोजित करने के बाद, शुद्ध ऋण ₹1.81 लाख करोड़ से बढ़कर ₹2.05 लाख करोड़ हो गया है।
EBITDA में 10 प्रतिशत की वृद्धि
दिसंबर 2024 को समाप्त हुए 12 महीनों में, अडानी ग्रुप का EBITDA (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की आय) ₹86,789 करोड़ तक पहुंच गया। यह वार्षिक आधार पर 10.1 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। यदि इसे पूर्व-आय के अनुसार समायोजित किया जाए, तो यह वृद्धि 21.3 प्रतिशत तक पहुँच जाती है।
सिर्फ दिसंबर तिमाही में ही EBITDA में 17.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह ₹22,823 करोड़ पर पहुँच गया। रिपोर्ट के अनुसार, अडानी एंटरप्राइजेज (AEL) के उभरते व्यावसायिक खंड – सौर और पवन ऊर्जा निर्माण, और हवाई अड्डे – इस वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले प्रमुख क्षेत्र रहे। ये सभी व्यवसाय AEL के इंफ्रास्ट्रक्चर डिवीजन का हिस्सा हैं।
अडानी ग्रुप की मजबूती और भविष्य की योजनाएँ
लगातार वृद्धि के संकेत
वित्त वर्ष 2019 के बाद से, अडानी ग्रुप ने 25 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के साथ EBITDA में वृद्धि दर्ज की है, जबकि इस दौरान समूह को हिंडनबर्ग रिपोर्ट और अमेरिकी जांच जैसी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा था।
वर्तमान में, समूह की 85 प्रतिशत से अधिक आय बुनियादी ढांचे के व्यवसायों, विशेष रूप से यूटिलिटी और परिवहन क्षेत्रों से आती है। अडानी ग्रुप की कंपनियों को पिछले पाँच वर्षों में लगातार बेहतर क्रेडिट रेटिंग प्राप्त हुई है और किसी भी कंपनी की रेटिंग में कोई गिरावट नहीं आई है।
भविष्य की योजनाएँ
रिपोर्ट के अनुसार, समूह अपने मुनाफे से उत्पन्न नकदी प्रवाह (कैश फ्लो) का उपयोग भविष्य में पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) बढ़ाने के लिए करेगा।
अडानी ग्रुप का 84 प्रतिशत EBITDA मुख्य रूप से कोर इंफ्रास्ट्रक्चर व्यवसायों से आता है, जिसमें शामिल हैं:
- AEL के इंफ्रास्ट्रक्चर व्यवसाय
- यूटिलिटीज: अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पावर, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस और अडानी टोटल गैस
- ट्रांसपोर्ट सेक्टर: अडानी पोर्ट्स और SEZ
मजबूत स्थिति में बना हुआ है अडानी ग्रुप
अडानी ग्रुप ने अपनी वित्तीय रिपोर्ट के माध्यम से निवेशकों और ऋणदाताओं को यह स्पष्ट संकेत दिया है कि समूह की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी हुई है।
- अगले 28 महीनों तक दीर्घकालिक ऋण चुकाने में कोई परेशानी नहीं होगी।
- समूह की कुल परिसंपत्तियाँ ₹5.53 लाख करोड़ हो चुकी हैं।
- EBITDA में 10 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि हुई है।
- कैश बैलेंस कुल ऋण का 20.5 प्रतिशत है।
- समूह का कुल ऋण ₹2.58 लाख करोड़ हो चुका है।
- अडानी ग्रुप मुख्य रूप से कोर इंफ्रास्ट्रक्चर व्यवसायों पर निर्भर है।
इन सभी आंकड़ों से यह साबित होता है कि अडानी ग्रुप की वित्तीय स्थिति स्थिर है और भविष्य में भी वह अपने विस्तार योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करेगा।