सिडनी में खेले गए तीसरे वनडे मैच में रोहित शर्मा ने भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को एक बार फिर रोमांचित कर दिया। उन्होंने 121 रनों की नाबाद पारी खेली और टीम इंडिया को जीत दिलाई। यह उनका वनडे करियर का 33वां शतक है और अंतरराष्ट्रीय वनडे में कुल 50वां शतक पूरा हुआ। इस पारी के साथ ही रोहित ने आलोचकों को करारा जवाब दिया और अपनी बल्लेबाजी की क्षमता का लोहा मनवाया।
चैंपियंस ट्रॉफी में कप्तानी और योगदान
रोहित शर्मा इस सीरीज से पहले भारत की वनडे टीम के कप्तान रहे हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने 2025 की चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की थी। कप्तान रोहित की रणनीति और टीम प्रबंधन ने भारत को मजबूत स्थिति में रखा। सिडनी में उनकी नाबाद पारी ने यह साबित कर दिया कि रोहित अब भी टीम के लिए महत्वपूर्ण हैं और बड़े मैचों में दबाव झेलने की क्षमता रखते हैं।

रिटायरमेंट की योजना का खुलासा
रोहित के बचपन के कोच दिनेश लाड ने उनके रिटायरमेंट प्लान का खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि रोहित वनडे वर्ल्ड कप 2027 खेलकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेंगे। लाड ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “आज रोहित ने जिस तरह की बल्लेबाजी की और टीम की जीत में योगदान दिया, उसे देखकर मैच का आनंद और बढ़ गया। 2027 वर्ल्ड कप उनके करियर का अंतिम सफर होगा।” इस घोषणा से फैंस में मिश्रित भावनाएँ हैं, लेकिन सभी को उम्मीद है कि रोहित फाइनल तक अपनी शानदार फॉर्म बनाए रखेंगे।
विराट कोहली की भी सराहना
दिनेश लाड ने विराट कोहली की 74 रनों की नाबाद पारी की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि कोहली ऐसे बल्लेबाज हैं जो किसी भी परिस्थिति में रन बना सकते हैं। लाड ने बताया कि सचिन तेंदुलकर ने एक फंक्शन में कहा था कि रोहित और विराट उनके रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। दोनों ही खिलाड़ी अब इस मुकाम के काफी करीब हैं। उनकी साझेदारी टीम इंडिया के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई और युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी।
रोहित और विराट की जोड़ी का महत्व
सिडनी मैच में रोहित और विराट की साझेदारी ने यह साबित कर दिया कि टीम इंडिया के पास बड़े मैचों में दबाव संभालने की क्षमता है। रोहित का अनुभव और विराट की आक्रामकता टीम को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकती है। फैंस को अब 2027 वर्ल्ड कप तक इन दोनों सुपरस्टार्स के प्रदर्शन का इंतजार रहेगा, और यह टूर्नामेंट उनके करियर का अंतिम अध्याय भी बन सकता है।

