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Thursday, May 15, 2025
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MIGM Mines: भारत ने समुद्र में दुश्मन के जहाजों के खिलाफ तैयार किया ताकतवर हथियार! MIGM माइन्स का सफल परीक्षण

MIGM Mines: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय नौसेना ने स्वदेशी विकसित मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइंड (MIGM) का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण भारत की पानी के नीचे युद्ध क्षमता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रणाली को जल्द ही भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा।

उपकरण का उद्देश्य और महत्ता

MIGM सिस्टम दुश्मन जहाजों का पता लगाने और उन्हें लक्षित करने के लिए कई सेंसरों का उपयोग करता है। यह प्रणाली भारतीय समुद्री क्षेत्र में दुश्मन जहाजों और पनडुब्बियों के घुसपैठ को रोकने में मदद करेगी। एक बार तैनात होने के बाद यह सुरक्षा का एक मजबूत उपकरण बनेगा।

परीक्षण की सफलता पर रक्षा मंत्री का बयान

इस परीक्षण को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बयान जारी किया है। उन्होंने DRDO और भारतीय नौसेना को इस सफलता के लिए बधाई दी और कहा, “यह प्रणाली भारतीय नौसेना की पानी के नीचे युद्ध क्षमता को और मजबूत करेगी।” उन्होंने इस परीक्षण को भारत के आत्मनिर्भरता के प्रयासों में एक अहम कदम बताया।

MIGM में लगे हैं कई सेंसर

भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने बताया कि MIGM में कई सेंसर लगे हैं जो समुद्री जहाजों द्वारा उत्पन्न ध्वनि, चुंबकीय क्षेत्र, दबाव आदि को मॉनीटर करते हैं। इस परियोजना में विशाखापत्तनम, अपोलो माइक्रो सिस्टम्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड साझीदार हैं। यह प्रणाली समुद्री सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित होगी।

समुद्री युद्ध में खनिजों का ऐतिहासिक महत्व

समुद्री युद्ध में खनिजों का महत्व बहुत पुराना है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश, अमेरिकी, जापानी और जर्मन नौसेना ने समुद्री मार्गों पर खनिज बिछाए थे। MIGM का विकास इस दिशा में एक और बड़ा कदम है, जो भारत को समुद्री सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनाएगा।

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