राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) ने दिल्ली-गुरुग्राम-शाहजहांपुर-नीमराना-बेवाड़ (SNB) Namo Bharat कॉरिडोर के लिए जेनरल कंसल्टेंट नियुक्त करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस कॉरिडोर का मुख्य उद्देश्य दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों के बीच तेज और विश्वसनीय कनेक्टिविटी प्रदान करना है। यह परियोजना 164 किलोमीटर लंबी दिल्ली-अलवर RRTS परियोजना के फेज़ 1 के तहत विकसित की जा रही है।
कॉरिडोर की संरचना और स्टेशन
इस 164 किलोमीटर लंबी कॉरिडोर में 22 स्टेशन होंगे, जिनमें 17 ऊंचाई पर और 5 भूमिगत स्टेशन शामिल हैं। यह कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खान से शुरू होकर मुनिरका, एयरसिटी, गुरुग्राम, रेवाड़ी और सोतनाला होते हुए अलवर, राजस्थान तक पहुंचेगा। इसके तहत परियोजना प्रबंधन, डिज़ाइन समीक्षा, गुणवत्ता नियंत्रण और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय की जिम्मेदारी जेनरल कंसल्टेंट की होगी, ताकि परियोजना समय पर और सुचारू रूप से पूरी हो सके।

पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान में शामिल
दिल्ली-गुरुग्राम-SNB कॉरिडोर को फरवरी 2023 में पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान में शामिल किया गया था। यह कॉरिडोर क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके माध्यम से NCR के प्रमुख शहरों के बीच तेज और प्रभावी परिवहन कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी। इससे यातायात जाम और प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी।
तीन कॉरिडोरों को प्राथमिकता
यह परियोजना 2005 के योजना आयोग के टास्क फोर्स से जुड़ी है, जिसने NCR के लिए बहु-आवश्यक परिवहन नेटवर्क की सिफारिश की थी। इसे बाद में NCR 2032 इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट प्लान में शामिल किया गया। फेज़ 1 में तीन कॉरिडोरों को प्राथमिकता दी गई थी: दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-पानीपत और दिल्ली-अलवर। NCRTC RRTS नेटवर्क के डिज़ाइन, निर्माण, वित्तपोषण, संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार है।
पूर्व-निर्माण कार्य और भविष्य की संभावनाएँ
गुरुग्राम और आसपास के क्षेत्रों में पूर्व-निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इसमें सड़कों का चौड़ा करना, यूटिलिटी शिफ्टिंग और मिट्टी व सर्वेक्षण का मूल्यांकन शामिल है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद NCR में यात्रा समय में भारी कमी आएगी। यह औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ क्षेत्रीय आर्थिक विकास में भी योगदान देगा।

