CM Mohan Yadav ने कहा कि समाज और सरकार के सहयोग से राज्य की गौशालाओं को गौ-temple के रूप में विकसित किया जाएगा। गौशालाओं में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी और उनकी स्वावलंबन और विकास के लिए हर संभव मदद प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। किसानों को उनके प्राकृतिक तरीके से उगाई गई फसल का समर्थन मूल्य मिलेगा, साथ ही अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि शहरों में गौशालाओं का संचालन नगर निकायों द्वारा व्यवस्थित रूप से किया जाएगा।
गोवर्धन पूजा और गाय के महत्व पर जोर
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने खजुरिया, हाटोद, इंदौर में रेशम केंद्र गौशाला में आयोजित गोवर्धन पूजा में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने वैदिक मंत्रों के उच्चारण के बीच पूजा अर्चना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि गाय का दूध अमृत के समान है और इसमें उच्चतम मात्रा में पोषक तत्व होते हैं। गाय का दूध पीने से रोग दूर होते हैं और स्वास्थ्य व खुशी बढ़ती है। माता गाय केवल अपने बछड़े का पालन नहीं करती, बल्कि पूरे मानव समाज को पोषण देती है। उन्होंने कहा कि हर युग में प्रत्येक आश्रम में गाय पाली जाती थी और हर घर में पहले रोटी गाय के लिए बनाई जाती थी। इस अवसर पर गोवर्धन पर्वत को सजाने वाली महक शर्मा को सम्मानित किया गया और उन्हें 16,000 रुपये का पुरस्कार दिया गया।

गौशाला के अखाड़े का निरीक्षण और पहलुओं की जानकारी
मुख्यमंत्री ने गौशाला के अखाड़े का निरीक्षण किया, पहलवानों की कुश्ती देखी और उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि यह अखाड़ा हमारे पहलवानों को कृष्ण और बलराम की तरह मजबूत बनाने में मदद करेगा। आधुनिक समय में कुश्ती मैट पर भी आयोजित की जाती है, और इस अखाड़े में भी मैट की व्यवस्था होगी। इसके अलावा, शहरी प्रशासन एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सार्वजनिक प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि गौशालाओं के विकास के लिए वित्तीय सहायता दें। उन्होंने कहा कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवता वास करते हैं और गाय की सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। इसके साथ ही जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रत्येक गाय के पोषण के लिए पहले जो राशि थी, उसे दोगुना कर दिया है, जिससे गाय पालन और संरक्षण दोनों को बढ़ावा मिलेगा।
नवाचार और स्वावलंबन की दिशा में कदम
CM Mohan Yadav ने गौशाला परिसर में गोबर से देशी दीपक बनाने वाले स्टॉल का भी निरीक्षण किया और इस नवाचार की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कदम पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में प्रशंसनीय है। इस पहल के तहत, दीपावली के समय इंदौर में लगभग दो लाख दीपक बेचे गए, जिससे स्थानीय स्वावलंबन को बढ़ावा मिला। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि गौशाला में पहले 630 गायें थीं, जो अब बढ़कर 2,300 से अधिक हो गई हैं। इसमें आईसीयू सुविधा सहित नई अस्पताल व्यवस्था भी है, जहां बीमार गायों का ठीक से इलाज होता है। स्वामी अच्युतानंद जी महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रेरणा से उज्जैन, ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर सहित अन्य जगहों पर भी सार्वजनिक सहभागिता से हजारों गायों का पालन किया जा रहा है।

