बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और पुत्र तेजस्वी यादव की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। आज कोर्ट में उनके खिलाफ दो मामलों में चार्जशीट तैयार करने की सुनवाई चल रही है। लालू, राबड़ी और तेजस्वी यादव आज IRCTC और लैंड फॉर जॉब्स मामलों में कोर्ट में पेश हुए। इन मामलों में आरोप तय होने के बाद परिवार की राजनीतिक छवि पर भी असर पड़ सकता है।
IRCTC घोटाले में आरोप तय
आज राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने IRCTC घोटाले मामले में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य पर आरोप तय किए। यह मामला रेलवे मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव द्वारा दो IRCTC होटलों के रखरखाव के लिए अनुबंध देने में अनियमितताओं से जुड़ा है। CBI ने इस मामले में लालू, राबड़ी और तेजस्वी पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। तीनों पक्ष ने यह तर्क दिया कि CBI के पास पर्याप्त सबूत नहीं हैं। कुल 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार की गई है।

लैंड फॉर जॉब्स मामले में निर्णय की उम्मीद
दूसरा मामला लैंड फॉर जॉब्स स्कैम से संबंधित है। इस मामले में भी लालू परिवार पर आरोप तय होने की संभावना है। CBI का आरोप है कि 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव रेलवे मंत्री रहते हुए बिहार के लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में ग्रुप डी की नौकरी दी गई। इसके बदले में लोग अपने जमीन के दस्तावेज़ लालू परिवार से संबंधित कंपनियों को हस्तांतरित करते थे। कोर्ट आज इस मामले में चार्जशीट तय करने का आदेश दे सकती है।
कोर्ट में पेश होने की प्रक्रिया
लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव आज कोर्ट में पेश हुए और IRCTC मामले में आरोप तय होने के बाद अपना पक्ष रखा। उन्होंने CBI पर सबूत न होने का आरोप लगाया। इस सुनवाई से न सिर्फ कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ी है बल्कि चुनावी माहौल में भी हलचल मची है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार इस केस के फैसले का असर आगामी बिहार चुनावों में RJD की छवि पर पड़ सकता है।
चुनाव और कानूनी मामलों का संगम
बिहार विधानसभा चुनाव के समय लालू परिवार पर कानूनी कार्रवाई ने राजनीतिक माहौल को और अधिक गर्म कर दिया है। IRCTC और लैंड फॉर जॉब्स मामले दोनों में आरोप तय होने से जनता और मीडिया की निगाहें लालू परिवार पर टिकी हैं। यह मामला यह दिखाता है कि राजनीतिक और कानूनी मामलों का संगम चुनावी जंग में किस तरह से रणनीति और छवि पर असर डालता है।

