Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के धराली और हर्षिल क्षेत्र में बादल फटने के बाद आई अचानक बाढ़ से स्थिति भयावह हो गई है। दर्जनों लोग फंसे हुए हैं और कई लापता हैं। हालात को देखते हुए सेना, NDRF, SDRF और अन्य एजेंसियों ने राहत और बचाव कार्य तेज़ कर दिए हैं। हेलीकॉप्टरों की मदद से फंसे लोगों को निकाला जा रहा है और मैटली हेलीपैड पर लाया जा रहा है, जहां से उन्हें सुरक्षित उनके गंतव्य तक भेजा जा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी कर रहे हालात की निगरानी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद राहत और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं ताकि सड़कों, संचार व्यवस्था, बिजली और खाद्य आपूर्ति को शीघ्र बहाल किया जा सके। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि राज्य सरकार हर प्रभावित व्यक्ति को सुरक्षित बाहर निकालने और क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है।
#WATCH | Indian Air Force assets were swiftly pressed into action following flash floods in Harsil-Dharali valley, Uttarakhand. Chinook and Mi-17V5 helicopters of IAF, along with C-295 & AN-32 transport aircraft, evacuated 226 civilians, inducted 130 NDRF/SDRF/IA personnel, and… pic.twitter.com/PZAHjqe3xU
— ANI (@ANI) August 8, 2025
वायुसेना ने पहुंचाया 20 टन राहत सामग्री
आपदा के बाद जब ज़मीनी रास्ते बंद हो गए तो भारतीय वायुसेना मदद के लिए सबसे आगे आई। चिनूक और Mi-17V5 हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ C-295 और AN-32 विमानों की मदद से अब तक लगभग 130 बचावकर्मी और 20 टन राहत सामग्री प्रभावित इलाकों में पहुंचाई गई है। यह राहत सामग्री फंसे हुए लोगों की ज़रूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रही है।
लापता जवानों की तलाश में जुटी टीमें
आपदा के बाद से अब तक 9 सेना के जवानों सहित कुल 50 से अधिक लोग लापता हैं। इनमें एक जूनियर कमीशंड अफसर भी शामिल हैं। उन्हें ढूंढने के लिए NDRF की टीम के साथ खोजी कुत्ते और पशु चिकित्सक भी लगाए गए हैं। हेलीकॉप्टरों ने दिनभर कई उड़ानें भरकर आस-पास के गांवों और कैंपों से लोगों को निकाला। परिजनों की आंखें अब भी अपनों के लौटने की उम्मीद लगाए बैठी हैं।
बारिश बनी बाधा, फिर भी नहीं रुकी हिम्मत
लगातार हो रही भारी बारिश राहत कार्य में बड़ी बाधा बन रही है। उत्तरकाशी से संपर्क मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, कई जगहों पर भूस्खलन से रास्ते पूरी तरह बंद हैं। फिर भी राहत टीमें एयरफोर्स की मदद से पहाड़ी क्षेत्रों तक पहुंच रही हैं। अत्याधुनिक उपकरणों को एयरलिफ्ट करके धराली भेजा जा रहा है ताकि मलबे में दबे लोगों की तलाश तेज़ की जा सके। सेना और अन्य एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों से हर्षिल और धराली में ह्यूमैनिटेरियन असिस्टेंस एंड डिजास्टर रिलीफ (HADR) ऑपरेशन को और तेज़ कर दिया गया है।

