केओंझर, ओडिशा में काली पूजा के अवसर पर आयोजित मेले में शुक्रवार शाम को बड़ी दुर्घटना होते-होते टल गई। हर साल की तरह इस बार भी हजारों लोग मेले में शामिल हुए थे। कुछ झूले पर झूलने आए, कुछ दुकानों की खरीदारी करने, और कुछ अपने परिवार के साथ मनोरंजन करने। शाम के समय, एक झूला अचानक बीच में ही रुक गया और उसमें कई लोग फंस गए। यह दृश्य देखते ही पूरा मेला भय और उथल-पुथल में बदल गया।
झूले में फंसी लोगों की दहशत
झूले में फंसे लोगों ने चीख-पुकार शुरू कर दी। नीचे खड़े लोग भी डर के मारे सहम गए। बताया जा रहा है कि झूला तकनीकी खराबी के कारण रुक गया था और कर्मचारियों के लिए इसे तुरंत चालू करना संभव नहीं था। फंसे हुए लोगों ने लगभग दो घंटे तक भय और घबराहट का सामना किया। यह समय उनके लिए अत्यंत खतरनाक हो सकता था क्योंकि झूले की ऊँचाई किसी भी समय जीवन के लिए जोखिम पैदा कर सकती थी।

स्थानीय पुलिस और फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही केओंझर नगरपालिका, स्थानीय पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची। रेस्क्यू टीम ने तुरंत बचाव अभियान शुरू किया। झूले में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित नीचे उतार लिया गया। इस ऑपरेशन में लगभग 25-26 लोग फंसे हुए थे। प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर प्राथमिकता केवल लोगों को सुरक्षित निकालने पर रखी।
सुरक्षा व्यवस्थाओं पर उठे सवाल
इस घटना ने मेले की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। झूलों की तकनीकी जांच और सुरक्षा जांच पर्याप्त रूप से नहीं की जाती है। बड़े मेले में ऐसी व्यवस्थाओं की कमी से हादसों का खतरा बढ़ जाता है। प्रशासन ने इस घटना के बाद सभी झूलों की पुनः जाँच करने का आदेश दिया है। ADM रविंद्र प्रधान ने कहा कि हमने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी की और अब इस घटना की पूरी जांच की जाएगी।
भविष्य में सुरक्षा के उपाय
ADM रविंद्र प्रधान ने यह भी कहा कि घटना के पीछे तकनीकी खराबी जिम्मेदार है। स्थानीय पुलिस अधिकारी, SDPO और फायर ब्रिगेड की टीम ने मिलकर सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित उतारा। अब प्रशासन इस घटना की पूरी जांच करेगा और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए झूलों की नियमित सुरक्षा जांच और तकनीकी निरीक्षण सुनिश्चित किया जाएगा।

