Digantara: बेंगलुरु स्थित एक स्टार्टअप, ने शनिवार को दुनिया का पहला वाणिज्यिक अंतरिक्ष निगरानी उपग्रह सक्रिय कर दिया। यह उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में घूम रहे 5 सेंटीमीटर तक के छोटे-छोटे वस्तुओं को भी ट्रैक करने में सक्षम है। दिगंतर ने जानकारी दी कि इस निगरानी उपग्रह ने शनिवार को दक्षिण अमेरिका की तस्वीरें लीं। यह उपग्रह SpaceX के Transporter-12 रॉकेट से 14 जनवरी को लॉन्च किया गया था और अब यह पूरी तरह से कार्य कर रहा है। इस उपलब्धि के साथ, दिगंतर ने अमेरिका और चीन जैसे देशों को पीछे छोड़ते हुए अंतरिक्ष निगरानी में नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
“अंतरिक्ष में छुपने की कोई जगह नहीं है”
दिगंतर ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “अंतरिक्ष में छुपने की कोई जगह नहीं है।” कंपनी ने बताया कि SCOT उपग्रह ने अपने पहले चित्र को शनिवार को दक्षिण अमेरिका के ऊपर से गुजरते समय भेजा। दिगंतर के CEO अनिरुद्ध शर्मा ने इस ऐतिहासिक क्षण को एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि के रूप में बताया और कहा कि यह कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
दिगंतर के अनुसार, उपग्रह ने दक्षिण अमेरिका की सतह की पहली तस्वीर भेजी, जो कंपनी की तकनीकी सफलता का प्रतीक है। यह उपग्रह छोटे-छोटे कचरे और वस्तुओं को ट्रैक करने में सक्षम है, जिनका पृथ्वी के आसपास मंडराना मानव अंतरिक्ष मिशनों के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
दिगंतर की सफलता: भारत की अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ती ताकत
विशेषज्ञों का मानना है कि दिगंतर की यह सफलता भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। अंतरिक्ष ट्रैफिक प्रबंधन और अंतरिक्ष संचालन की समस्याओं को हल करने के लिए कंपनी ने Space Mission Assurance Platform विकसित किया है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से दिगंतर अंतरिक्ष कचरे और निगरानी की समस्याओं का समाधान तलाशने के लिए पूरी दुनिया में एक नया कदम उठा रहा है।
दिगंतर की बढ़ती ताकत और गति यह दर्शाती है कि भारत जल्द ही अंतरिक्ष उद्योग में एक बड़ा खिलाड़ी बन सकता है। जिस गति से यह कंपनी कार्य कर रही है, वह भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है। आने वाले समय में दिगंतर Elon Musk की SpaceX जैसी बड़ी कंपनियों से भी प्रतिस्पर्धा कर सकता है।
SCOT उपग्रह: अंतरिक्ष निगरानी का नया युग
SCOT उपग्रह अंतरिक्ष कचरे और अन्य छोटे उपग्रहों को ट्रैक करने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। वर्तमान में, पृथ्वी की कक्षा में हजारों उपग्रह और अन्य वस्तुएं घूम रही हैं। इनमें से कई छोटे टुकड़े भी होते हैं जो बड़े उपग्रहों के लिए खतरे का कारण बन सकते हैं। SCOT उपग्रह के माध्यम से इन खतरों की पहचान करना और उन्हें ट्रैक करना संभव होगा।
दिगंतर का यह उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में मौजूद सभी प्रकार के कचरे और वस्तुओं पर नजर रखने में सक्षम होगा। यह न केवल मौजूदा उपग्रहों की सुरक्षा बढ़ाएगा, बल्कि भविष्य में भेजे जाने वाले उपग्रहों के लिए भी सुरक्षित वातावरण तैयार करेगा।
SpaceX और दिगंतर के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा
SpaceX ने पहले ही अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी जगह मजबूत कर ली है, लेकिन दिगंतर का तेजी से बढ़ता कदम उसे अंतरिक्ष उद्योग में प्रतिस्पर्धा में डाल सकता है। दिगंतर अपनी तकनीकी दक्षता और अंतरिक्ष निगरानी के क्षेत्र में लगातार नई ऊंचाइयां छू रहा है। अगर दिगंतर अपनी गति बनाए रखता है, तो वह Elon Musk की SpaceX के लिए एक मजबूत प्रतियोगी बन सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि दिगंतर की सफलता से भारत की अंतरिक्ष नीति और उद्योग को भी वैश्विक पहचान मिलेगी। भारत के लिए यह एक ऐसा अवसर है, जब वह अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बड़ा नाम बना सकता है।
भारत का अंतरिक्ष उद्योग: एक नई दिशा में
दिगंतर की इस सफलता से यह साफ हो गया है कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में अब सिर्फ उपग्रह लॉन्च करने तक सीमित नहीं है, बल्कि वह अंतरिक्ष निगरानी और कचरा प्रबंधन जैसे उन्नत तकनीकी क्षेत्रों में भी आगे बढ़ चुका है। भारत का अंतरिक्ष उद्योग अब सिर्फ मिशन लॉन्चिंग तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अंतरिक्ष सुरक्षा और निगरानी के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।
दिगंतर का भविष्य: बढ़ती संभावनाएं
दिगंतर के लिए भविष्य में कई संभावनाएं हैं। अंतरिक्ष कचरे और ट्रैफिक प्रबंधन के बढ़ते मुद्दे को देखते हुए, दिगंतर की तकनीकी मदद से आने वाले समय में अंतरिक्ष सुरक्षित हो सकता है। इसके अलावा, दिगंतर के विकास ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि भारत की अंतरिक्ष नीति और तकनीकी दक्षता पूरी दुनिया में प्रतिस्पर्धा कर सकती है।
अगर दिगंतर इसी गति से आगे बढ़ता रहा, तो न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को इससे बहुत फायदा हो सकता है। आने वाले वर्षों में, दिगंतर अंतरिक्ष निगरानी के क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभा सकता है, और भारत का नाम अंतरिक्ष अनुसंधान में और भी चमक सकता है।
दिगंतर का पहला वाणिज्यिक अंतरिक्ष निगरानी उपग्रह SCOT अब सक्रिय हो चुका है और अंतरिक्ष की निगरानी का नया युग शुरू हो चुका है। भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक कदम है, जिसने अंतरिक्ष कचरे और निगरानी की समस्याओं के समाधान में दुनिया को एक नई दिशा दी है। दिगंतर का यह कदम अंतरिक्ष में भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाता है, और आने वाले समय में अंतरिक्ष उद्योग में दिगंतर एक प्रमुख खिलाड़ी बन सकता है।