T-90 Tank:Defence Ministry ने गुरुवार को 54,000 करोड़ रुपये की लागत वाली सैन्य आधुनिकीकरण योजनाओं को मंजूरी दे दी। इनमें ब्रह्मोस मिसाइल, भारतीय वायुसेना के लिए छह ‘नेत्र’ एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) विमान, T-90 टैंकों के लिए रूस निर्मित एडवांस इंजन, नौसेना के लिए एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल और टॉरपीडो शामिल हैं।
रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने भारतीय सेना के लिए 1350 HP इंजन खरीदने को भी मंजूरी दी है, जिससे T-90 टैंकों की ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा। ये इंजन मौजूदा 1000 HP इंजन की जगह लेंगे और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में टैंकों की गतिशीलता और प्रदर्शन में सुधार करेंगे।
भारतीय सेना को मिलेंगे एडवांस T-90 टैंक इंजन
रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय सेना के लिए 1350 हॉर्सपावर (HP) इंजन खरीदने को मंजूरी दे दी है। ये इंजन मौजूदा 1000 HP इंजन की तुलना में अधिक शक्तिशाली होंगे, जिससे T-90 टैंकों की बैटलफील्ड मोबिलिटी (Battlefield Mobility) में सुधार होगा।
विशेष रूप से ऊंचाई वाले इलाकों में T-90 टैंक का प्रदर्शन बेहतर होगा, जिससे भारतीय सेना को दुर्गम और चुनौतीपूर्ण इलाकों में सामरिक बढ़त मिलेगी। ये इंजन भारतीय सेना की युद्धक क्षमता को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे और आधुनिक युद्धक्षेत्र में निर्णायक साबित हो सकते हैं।
नौसेना को मिलेगा वरुणास्त्र टॉरपीडो, पनडुब्बी हमलों में बढ़ेगी ताकत
भारतीय नौसेना की क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए DAC ने वरुणास्त्र टॉरपीडो (Varunastra Torpedo) की खरीद को मंजूरी दी है। यह एक स्वदेशी टॉरपीडो है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के तहत नेवल साइंस एंड टेक्नोलॉजी लेबोरेटरी (NSTL) ने विकसित किया है।
वरुणास्त्र टॉरपीडो जहाज से लॉन्च होने वाला एंटी-सबमरीन टॉरपीडो है, जो पनडुब्बी विरोधी अभियानों में नौसेना को निर्णायक बढ़त देगा। इस टॉरपीडो की क्षमता में वृद्धि से भारतीय नौसेना को समुद्री युद्धक्षेत्र में दुश्मन की पनडुब्बियों का सामना करने में अधिक सक्षम बनाया जा सकेगा।
भारतीय वायुसेना को मिलेंगे ‘नेत्र’ AEW&C विमान
भारतीय वायुसेना की ताकत को और बढ़ाने के लिए DAC ने छह ‘नेत्र’ एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) विमान की खरीद को मंजूरी दी है। ये विमान शत्रु की गतिविधियों पर नजर रखने में सक्षम होंगे और युद्ध के दौरान वायुसेना की जवाबी कार्रवाई की क्षमता को बढ़ाएंगे।
AEW&C विमान आधुनिक युद्धक्षेत्र में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। ये विमान दुश्मन के मिसाइल और हवाई हमलों का पता लगाकर पहले ही सतर्क कर देते हैं, जिससे भारतीय वायुसेना को रणनीतिक बढ़त मिलती है।
ब्रह्मोस मिसाइल: भारत की सुपरसोनिक ताकत
इस सैन्य आधुनिकीकरण योजना में ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम को भी शामिल किया गया है। ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो भारत और रूस का संयुक्त उपक्रम है। इसकी गति 2.8 मैक (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना अधिक) है।
ब्रह्मोस मिसाइल की तैनाती से भारतीय सेना की मारक क्षमता में बड़ा इजाफा होगा। यह मिसाइल समुद्र, जमीन और हवा से दागी जा सकती है, जिससे यह दुश्मन के खिलाफ एक प्रभावी हथियार है।
रक्षा मंत्रालय ने समयसीमा घटाने के लिए किए सुधार
रक्षा मंत्रालय ने 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ (Year of Reforms) घोषित करते हुए हथियार खरीद प्रक्रिया को तेज करने के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों के तहत विभिन्न चरणों में लगने वाले समय को घटाने पर जोर दिया गया है, ताकि हथियारों की खरीद प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और तेज बनाया जा सके।
नए सुधारों का उद्देश्य पूंजी अधिग्रहण प्रक्रिया को आसान बनाना और आधुनिक हथियारों को तेजी से सेना में शामिल करना है। इससे भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की ऑपरेशनल क्षमताएं मजबूत होंगी।
सैन्य आधुनिकीकरण से बढ़ेगी भारत की ताकत
रक्षा अधिग्रहण परिषद द्वारा स्वीकृत इन योजनाओं के लागू होने से भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की ताकत में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
- T-90 टैंक नए इंजन के साथ ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिक प्रभावी होंगे।
- वरुणास्त्र टॉरपीडो से नौसेना की पनडुब्बी विरोधी क्षमता में सुधार होगा।
- ‘नेत्र’ AEW&C विमान वायुसेना की निगरानी और हमले की क्षमता को बढ़ाएंगे।
- ब्रह्मोस मिसाइल से भारत की सुपरसोनिक मारक क्षमता को मजबूती मिलेगी।
रक्षा मंत्रालय की 54,000 करोड़ रुपये की सैन्य आधुनिकीकरण योजनाएं भारतीय रक्षा बलों की क्षमता में बड़ा बदलाव लाएंगी। ये कदम भारत की रणनीतिक और सामरिक शक्ति को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगे।
इससे न केवल सेना की मारक क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि आधुनिक तकनीक और हथियारों के जरिए देश की रक्षा और आक्रामक रणनीति को भी मजबूती मिलेगी।