Stock Market Turmoil: भारतीय शेयर बाजार में तेज बिकवाली के कारण कुल बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) $4 ट्रिलियन से नीचे आ गया है। यह गिरावट पिछले 14 महीनों में पहली बार देखी गई है। बाजार में आई इस भारी गिरावट के पीछे मुख्य रूप से दो प्रमुख कारण हैं—डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी और विदेशी निवेशकों द्वारा हो रही लगातार बिकवाली।
मार्केट कैप में 1 ट्रिलियन डॉलर की गिरावट
इस समय भारतीय शेयर बाजार का कुल बाजार पूंजीकरण घटकर $3.99 ट्रिलियन हो गया है, जो कि 4 दिसंबर 2023 के बाद का सबसे निचला स्तर है। दिसंबर 2023 में, भारतीय शेयर बाजार का मार्केट कैप $5.14 ट्रिलियन था। यानी पिछले 14 महीनों में बाजार को $1 ट्रिलियन का भारी नुकसान हो चुका है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार पर दबाव
सितंबर 2024 के अंतिम सप्ताह से भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। इसका सबसे बड़ा कारण विदेशी निवेशकों (Foreign Portfolio Investors – FPI) द्वारा की जा रही भारी बिकवाली है। विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से अपना पैसा निकाल रहे हैं, जिससे बाजार में बिकवाली का दबाव लगातार बना हुआ है।
सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट
विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार हो रही पूंजी निकासी के कारण:
- सेंसेक्स 86,000 के स्तर से गिरकर 76,000 से नीचे आ चुका है, यानी 12% की गिरावट।
- निफ्टी 50 26,000 के स्तर से गिरकर 23,000 से नीचे आ गया है, यानी 13% की गिरावट।
- निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 60,000 से गिरकर 50,000 के नीचे आ चुका है।
डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट से बढ़ी परेशानी
रुपये की कमजोरी ने भी बाजार पर नकारात्मक असर डाला है।
- 2025 में अब तक भारतीय रुपये में डॉलर के मुकाबले 1.5% की गिरावट आई है।
- रुपये में आई यह कमजोरी विदेशी निवेशकों को चिंतित कर रही है और वे भारतीय बाजार से अपनी पूंजी निकाल रहे हैं।
- रुपये की यह कमजोरी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन सकती है।
आज के कारोबार में भारी गिरावट जारी
भारतीय शेयर बाजार में आज भी भारी गिरावट दर्ज की गई:
- सेंसेक्स 75,700 के स्तर पर 423 अंकों की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है।
- निफ्टी 22,867 के स्तर पर 160 अंकों की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा है।
- निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 1,150 अंकों की गिरावट के साथ नीचे फिसल चुका है।
- स्मॉल कैप इंडेक्स में भी 500 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है।
कई स्टॉक्स के भाव आधे हो गए
पिछले 5 महीनों में लगातार गिरावट के कारण कई कंपनियों के स्टॉक्स की कीमतें आधी हो चुकी हैं। इस वजह से निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
- बाजार की कुल मार्केट कैप में भारी गिरावट देखने को मिली है।
- जिन कंपनियों के स्टॉक्स पहले उच्चतम स्तर पर थे, वे अब अपने निचले स्तर पर कारोबार कर रही हैं।
विदेशी निवेशकों ने निकाले $10 बिलियन
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय बाजार से $10 बिलियन से अधिक की पूंजी निकाल ली है।
- यह बाजार पर भारी दबाव बना रहा है।
- निवेशकों का विश्वास कमजोर हो रहा है।
- लगातार बिकवाली से बाजार में और गिरावट की संभावना बनी हुई है।
क्या बाजार में और गिरावट जारी रहेगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार की आगे की दिशा कई कारकों पर निर्भर करेगी:
- रुपये की स्थिति: यदि रुपया डॉलर के मुकाबले और कमजोर होता है, तो बाजार पर दबाव और बढ़ सकता है।
- विदेशी निवेशकों की रणनीति: यदि विदेशी निवेशकों द्वारा बिकवाली जारी रहती है, तो बाजार में और गिरावट संभव है।
- वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां: यदि वैश्विक बाजार स्थिर रहते हैं, तो भारतीय बाजार में भी स्थिरता आ सकती है।
- भारतीय कंपनियों की कमाई: यदि कंपनियों के तिमाही नतीजे कमजोर आते हैं, तो बाजार पर और दबाव आ सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह
- शॉर्ट टर्म निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है।
- लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह गिरावट खरीदारी का मौका हो सकती है।
- फंडामेंटली मजबूत कंपनियों के शेयरों पर ध्यान देना चाहिए।
- बाजार में स्थिरता आने तक निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए।
भारतीय शेयर बाजार में जारी गिरावट निवेशकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। पिछले 14 महीनों में $1 ट्रिलियन की पूंजी खत्म हो चुकी है। सेंसेक्स और निफ्टी में लगातार गिरावट से बाजार पूंजीकरण $4 ट्रिलियन से नीचे चला गया है। विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली और रुपये की कमजोरी ने बाजार को और मुश्किल में डाल दिया है। यदि बाजार में स्थिरता नहीं आई, तो आगे और गिरावट देखने को मिल सकती है। निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और सोच-समझकर निवेश करने की जरूरत है।