PM Modi ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक Mohan Bhagwat के जन्मदिन पर उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। पीएम मोदी ने अपने ब्लॉग और ट्वीट में लिखा कि मोहन भागवत जी ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के मंत्र से प्रेरित होकर अपने पूरे जीवन को समानता और भाईचारे की भावना को मजबूत करने के लिए समर्पित किया है। पीएम मोदी ने भागवत जी के लंबी और स्वस्थ जीवन की कामना की।
प्रारंभिक जीवन और प्रचारक कार्य
मोहन भागवत का जन्म 11 सितंबर 1950 को महाराष्ट्र के चंद्रपूर जिले में हुआ था। उनके पिता मधुकरराव भागवत भी पूर्णकालिक RSS प्रचारक थे। भागवत जी ने 1970 के दशक के मध्य में स्वयं को प्रचारक के रूप में समर्पित किया। उन्होंने महाराष्ट्र के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में समाज सशक्तिकरण का कार्य किया। बिहार और विदर्भ में उन्होंने अपने जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष सामाजिक और राष्ट्र निर्माण के काम में लगाए।
“मोहन भागवत जी ने वसुधैव कुटुंबकम के मंत्र से प्रेरित होकर समता-समरसता और बंधुत्व की भावना को सशक्त करने में अपना पूरा जीवन समर्पित किया है।”
मां भारती की सेवा में सदैव तत्पर मोहन जी के 75वें जन्मदिन के विशेष अवसर पर मैंने उनके प्रेरक व्यक्तित्व को लेकर अपनी भावनाएं रखी हैं। मैं…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 11, 2025
RSS के नेतृत्व में योगदान
साल 2000 में मोहन भागवत जी संघ के संगठन सचिव बने और 2009 में सरसंघचालक का पद संभाला। उनके नेतृत्व में संघ ने संगठनात्मक सुधार और बदलाव किए। यूनिफ़ॉर्म में बदलाव, शिक्षा वर्ग में सुधार और सामाजिक कल्याण के लिए नई योजनाओं को लागू करना उनके कार्यकाल की प्रमुख विशेषताएँ हैं। उन्होंने संघ को तकनीकी और सामाजिक चुनौतियों के लिए तैयार किया और कोरोना काल में स्वयंसेवकों को सुरक्षित रहते हुए समाज सेवा में सक्रिय किया।
युवाओं और सामाजिक कल्याण की प्रेरणा
भागवत जी का युवाओं से गहरा जुड़ाव है। उन्होंने उन्हें संघ कार्य और राष्ट्र सेवा की ओर प्रेरित किया। उनके नेतृत्व में स्वयंसेवक सामाजिक कल्याण, स्वच्छता, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और पर्यावरण संरक्षण जैसे आंदोलनों में सक्रिय रहे। मोहन भागवत जी ने पंच परिवर्तन की पहल के माध्यम से राष्ट्र निर्माण, सामाजिक समरसता, पारिवारिक जागरूकता और पर्यावरणीय चेतना को बढ़ावा दिया।
75वां जन्मदिन और राष्ट्रीय सम्मान
मोहन भागवत जी ने 75 वर्ष की उम्र में 16 से अधिक वर्षों तक RSS का नेतृत्व किया है। वे MS गोलवलकर और मधुकरराव देओरस के बाद संगठन के तीसरे सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सरसंघचालक हैं। उनका जीवन राष्ट्रीय सेवा और आदर्श नेतृत्व का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें फिर से लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की कामना करते हुए उनके समर्पण और योगदान की सराहना की।