Ola Electric Layoffs: बिलियनेयर व्यवसायी भाविश अग्रवाल की कंपनी ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने लागत कम करने और घाटे को कम करने के उद्देश्य से 1,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया है। इससे पहले भी, पिछले वर्ष कंपनी ने 500 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस छंटनी का प्रभाव मुख्य रूप से खरीद, पूर्ति (फुलफिलमेंट), ग्राहक संबंध और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विभागों पर पड़ सकता है। इस खबर के बाद ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में भी गिरावट देखी गई और यह 3.40 प्रतिशत गिरकर 54.90 रुपये पर बंद हुआ, जो इसका 52 सप्ताह का निचला स्तर है।
कंपनी ने छंटनी पर क्या कहा?
ओला इलेक्ट्रिक ने इस छंटनी पर सीधे तौर पर टिप्पणी करने से बचते हुए इसे स्वचालन (ऑटोमेशन) और फ्रंट-एंड ऑपरेशंस के पुनर्गठन का हिस्सा बताया। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “हमने अपने फ्रंट-एंड संचालन का पुनर्गठन और स्वचालन किया है, जिससे मार्जिन में सुधार, लागत में कटौती और ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने में मदद मिली है। गैर-जरूरी पदों को समाप्त कर उत्पादकता को बढ़ाया गया है।”
ओला इलेक्ट्रिक में छंटनी का कारण
यह दूसरी बार है जब पिछले पांच महीनों में कंपनी कर्मचारियों की छंटनी कर रही है। कंपनी अपने EBITDA (अर्निंग्स बिफोर इंटरेस्ट, टैक्स, डेप्रिसिएशन और अमोर्टाइजेशन) मार्जिन को 10 प्रतिशत तक बढ़ाने, इन्वेंटरी प्रबंधन को सुधारने और ग्राहकों को डिलीवरी तेज करने की रणनीति पर काम कर रही है।
इसके अलावा, ओला इलेक्ट्रिक ने देशभर में अपने क्षेत्रीय गोदामों (वेयरहाउस) को समाप्त करने का निर्णय लिया है। अब कंपनी अपनी 4,000 से अधिक रिटेल स्टोर्स के माध्यम से वाहन इन्वेंट्री, स्पेयर पार्ट्स और एक्सेसरीज को संग्रहीत और वितरित करेगी। साथ ही, वाहन पंजीकरण प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एजेंसियों के साथ एक नया समझौता किया गया है, जिससे लागत को और कम किया जा सके।
ओला इलेक्ट्रिक की वित्तीय स्थिति
कंपनी को वित्तीय वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही (31 दिसंबर को समाप्त) में ₹564 करोड़ का शुद्ध समेकित घाटा हुआ, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही में ₹376 करोड़ था। इस नुकसान का मुख्य कारण बढ़ती प्रतिस्पर्धा और ग्राहक सेवा समस्याओं को हल करने के लिए किए गए एकमुश्त खर्च थे।
इसके अलावा, कंपनी की कुल आय में भी गिरावट देखी गई। तीसरी तिमाही में कंपनी की परिचालन आय ₹1,045 करोड़ रही, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह ₹1,296 करोड़ थी।
ग्राहक शिकायतों की जांच
पिछले साल, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने ओला इलेक्ट्रिक की इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों और सेवा से संबंधित शिकायतों की गहन जांच का आदेश दिया था। कंपनी के अनुसार, उसे CCPA से कुल 10,644 शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिनमें से 99.1% शिकायतों का समाधान कर दिया गया है।
हालांकि, इस वर्ष जनवरी में, CCPA ने ओला इलेक्ट्रिक से अतिरिक्त दस्तावेज और जानकारी मांगी है, जिससे यह मामला अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है।
ओला इलेक्ट्रिक के सामने चुनौतियाँ
ओला इलेक्ट्रिक को वर्तमान में कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है:
- बढ़ती प्रतिस्पर्धा: बाजार में अन्य इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों की बढ़ती संख्या के कारण ओला इलेक्ट्रिक को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
- वित्तीय घाटा: लगातार बढ़ते घाटे के कारण कंपनी को लागत में कटौती करनी पड़ रही है।
- ग्राहक सेवा संबंधी समस्याएँ: ग्राहकों की शिकायतों की संख्या अधिक होने के कारण कंपनी की छवि प्रभावित हो रही है।
- व्यावसायिक रणनीति में बदलाव: कंपनी अपने वितरण नेटवर्क और वेयरहाउसिंग सिस्टम में बदलाव कर रही है, जिससे संचालन प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।
ओला इलेक्ट्रिक की आगे की योजना
छंटनी और लागत में कटौती के बाद, ओला इलेक्ट्रिक अपनी भविष्य की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है:
- बेहतर ग्राहक अनुभव: ऑटोमेशन और नई तकनीकों का उपयोग कर ग्राहक सेवा को बेहतर बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
- नए उत्पादों की लॉन्चिंग: कंपनी आने वाले महीनों में नए इलेक्ट्रिक वाहन लॉन्च कर सकती है।
- घरेलू और वैश्विक विस्तार: भारत के अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी कंपनी अपने विस्तार की योजना बना रही है।
- लाभप्रदता बढ़ाने के उपाय: ओला इलेक्ट्रिक अपनी EBITDA मार्जिन को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न रणनीतियों पर काम कर रही है।
ओला इलेक्ट्रिक की यह छंटनी उन कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका है जो कंपनी में कार्यरत थे। हालांकि, कंपनी का कहना है कि यह कदम लागत को कम करने और संचालन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए उठाया गया है। इस छंटनी और वित्तीय चुनौतियों के बावजूद, कंपनी अपने भविष्य की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है और बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रही है।