दिल्ली में शराब की बिक्री में बढ़ोतरी के चलते सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में मद्यकर राजस्व में साल-दर-साल 12 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की है। अधिकारियों के अनुसार, अप्रैल-सितंबर 2024-25 में मद्यकर राजस्व, जिसमें वैट भी शामिल था, 3,731.79 करोड़ रुपये था, जो इस वर्ष की पहली छमाही में बढ़कर 4,192.86 करोड़ रुपये हो गया। यह वृद्धि शराब की बढ़ती मांग और त्योहारों के मौसम का नतीजा मानी जा रही है।
नए साल पर बिक्री में और उछाल की उम्मीद
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि बिक्री में यह बढ़ोतरी वित्तीय वर्ष 2025-26 के मद्यकर लक्ष्य के आधे हिस्से से अधिक हो गई है। प्रारंभ में यह लक्ष्य 7,000 करोड़ रुपये रखा गया था, जिसे बाद में 6,000 करोड़ रुपये कर दिया गया। अधिकारी का कहना है कि दीपावली और नए साल के अवसर पर शराब की बिक्री में बढ़ोतरी से यह वार्षिक लक्ष्य आसानी से पार किया जा सकता है।

मासिक राजस्व में अभूतपूर्व वृद्धि
आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-सितंबर 2024-25 में मासिक मद्यकर प्राप्तियाँ (वैट को छोड़कर) 279.81 करोड़ रुपये थीं, जो वित्तीय वर्ष 2025-26 में बढ़कर 517.26 करोड़ रुपये हो गई हैं। यह लगभग 85 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि शराब की बढ़ती बिक्री और सरकार द्वारा करों की उचित व्यवस्था ने इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
राजस्व वृद्धि के साथ नई नीति की तैयारी
वैट को छोड़कर कुल राजस्व अप्रैल-सितंबर 2024-25 में 2,598.04 करोड़ रुपये था, जो इस वर्ष 3,043.39 करोड़ रुपये तक बढ़ गया। दिल्ली सरकार ने इस बढ़ती बिक्री और राजस्व को देखते हुए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति की अध्यक्षता सार्वजनिक निर्माण मंत्री पर्वेश साहिब सिंह वर्मा कर रहे हैं। समिति का उद्देश्य एक नई मद्य नीति तैयार करना है जो पारदर्शी, उपभोक्ता-अनुकूल और सामाजिक रूप से जिम्मेदार होगी।
भविष्य की रणनीति और उम्मीदें
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि नई नीति के माध्यम से मद्यकर राजस्व में और वृद्धि की जाएगी। नीति का उद्देश्य न केवल राजस्व बढ़ाना है बल्कि समाज पर इसके प्रभाव को भी संतुलित करना है। इसके तहत शराब की बिक्री की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित, नियंत्रित और जिम्मेदार बनाने की योजना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह नीति सफल रहती है, तो दिल्ली सरकार का मद्यकर राजस्व लक्ष्यों को पार करना सुनिश्चित होगा।

