Indian Economy: भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा इस बात की पुष्टि आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में हुई है जिसमें कहा गया है कि भारत का मजबूत मैक्रोइकॉनॉमिक ढांचा और वित्तीय क्षेत्र इसकी तेजी की वजह होंगे
मुद्रास्फीति और जीडीपी पर नजर
आरबीआई ने कहा कि मुद्रास्फीति में गिरावट और जीडीपी के विस्तार में धीमापन को देखते हुए मौद्रिक नीति को विकास के लिए सहायक बनाए रखना होगा रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि वैश्विक वित्तीय बाजार की अस्थिरता और भू-राजनीतिक तनाव आर्थिक विकास के लिए जोखिम हैं
वैश्विक चुनौतियां और व्यापार नीति
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि टैरिफ नीतियों में बदलाव से वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव हो सकते हैं और inward-looking नीतियों तथा टैरिफ युद्धों के कारण निर्यात पर नकारात्मक असर पड़ सकता है भारत के व्यापार समझौतों से इन प्रभावों को सीमित करने में मदद मिलेगी
मुद्रास्फीति बनी रहेगी कम
सेवा निर्यात और inward रेमिटेंस के कारण चालू खाता घाटा वित्तीय वर्ष 2025-26 में काफी नियंत्रित रहने की उम्मीद है आरबीआई ने लगातार दो बार मुख्य नीतिगत दरों में कटौती की है जिससे मुद्रास्फीति को लक्ष्य के करीब रखने में विश्वास बढ़ा है
बैंकिंग क्षेत्र को चुनौतियां
आरबीआई ने बताया कि ब्याज दर जोखिम के चलते बैंकों को व्यवसाय और बैंकिंग बुक से जुड़ी जोखिमों का ध्यान रखना होगा खासकर जब नेट ब्याज मार्जिन यानी मुनाफे में कमी हो रही हो इससे बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती बनाए रखना जरूरी है