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Friday, March 21, 2025
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Home Loan: रेपो रेट में कटौती से EMI कम, 50 लाख के लोन पर होगी इतनी बचत

Home Loan: हाल ही में, 1 फरवरी को प्रस्तुत बजट 2025-26 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडल क्लास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। इनमें एक बड़ी घोषणा यह थी कि ₹12 लाख तक की आय को कर से मुक्त कर दिया गया है, साथ ही किराये पर टैक्स डिडक्शन की सीमा को ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख कर दिया गया। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी की घोषणा की है, जिससे होम लोन कर्जदारों को राहत मिल सकती है। इस लेख में हम यह जानेंगे कि रेपो रेट घटने से होम लोन कर्जदारों को कितनी बचत होगी और ₹50 लाख के लोन पर इसका कितना प्रभाव पड़ेगा।

आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कमी का असर

आरबीआई ने रेपो रेट को घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया है। रेपो रेट वह दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। जब आरबीआई रेपो रेट को घटाता है, तो इसका असर बैंक की लोन दरों पर पड़ता है। बैंक भी अपनी लोन दरों को घटा सकते हैं, जिससे कर्ज लेने वालों को कम ब्याज दरों पर लोन मिल सकता है। इस बदलाव से होम लोन के कर्जदारों को निश्चित रूप से फायदा होगा क्योंकि कम ब्याज दरों के कारण उनकी ईएमआई (EMI) में कमी आएगी।

होम लोन पर मिलने वाली बचत की जानकारी

Bankbazaar.com के CEO आदिल शेट्टी ने Business Standard से बातचीत में कहा, “यदि आपके पास 20 साल का होम लोन है और उस पर ब्याज दर 8.75 प्रतिशत है, और आपने मार्च तक 12 ईएमआई चुका दी हैं, तो अप्रैल से प्रभावी होने वाले रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की कमी से आपको ब्याज पर प्रति लाख ₹8,417 की बचत होगी। इसी तरह, ₹50 लाख के लोन पर पूरे लोन के समय में लगभग ₹4.20 लाख की बचत होगी, यानी अगले 10 ईएमआई में कमी आएगी। यह अनुमान सभी अन्य पैरामीटर को स्थिर मानकर किया जा रहा है।”

इसका मतलब है कि ₹50 लाख के लोन पर लगभग ₹4.20 लाख की बचत हो सकती है, जो अगले 10 ईएमआई के बराबर है। यह एक बड़ी राहत हो सकती है, खासकर उन कर्जदारों के लिए जिन्होंने पहले ही 12 ईएमआई चुका दी हैं।

अगर ब्याज दर 8.25 प्रतिशत हो तो क्या होगा?

आदिल शेट्टी ने आगे कहा, “यदि ब्याज दर 8.25 प्रतिशत हो, तो प्रति लाख ₹14,480 तक की बचत हो सकती है। यदि ब्याज दर में कमी 1 अप्रैल से लागू होती है, तो कर्जदार को ब्याज पर प्रति लाख ₹3,002 की बचत हो सकती है। इसका मतलब है कि ₹50 लाख के लोन पर दूसरे साल में ₹1.50 लाख तक की बचत हो सकती है।”

Home Loan: रेपो रेट में कटौती से EMI कम, 50 लाख के लोन पर होगी इतनी बचत

इससे यह स्पष्ट होता है कि अगर ब्याज दर 8.25 प्रतिशत हो, तो कर्जदारों को अगले कुछ वर्षों में काफी बचत हो सकती है। ₹50 लाख के लोन पर ₹1.50 लाख तक की बचत अगले दो वर्षों में हो सकती है, जो एक महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ है।

आर्थिक बोझ में कमी और ईएमआई में राहत

जैसा कि हम देख सकते हैं, कम ब्याज दर से होम लोन कर्जदारों को एक बड़ी राहत मिलती है। उनका ईएमआई कम हो जाएगा और कुल भुगतान पर भी बचत होगी। यह आर्थिक बोझ को कम करने में मदद करेगा। एक तरफ जहां कर्जदारों को ईएमआई में कमी का लाभ मिलेगा, वहीं दूसरी ओर उनके लोन की कुल अवधि पर भी ब्याज की बचत होगी।

रिफाइनेंसिंग पर विचार करें

विशेषज्ञों का मानना है कि जिन कर्जदारों ने पहले ही उच्च ब्याज दर पर होम लोन लिया है, उन्हें इस अवसर का लाभ उठाने के लिए रिफाइनेंसिंग पर विचार करना चाहिए। रिफाइनेंसिंग के द्वारा कर्जदार अपनी मौजूदा उच्च ब्याज दर वाले लोन को एक नए और कम ब्याज दर वाले लोन में बदल सकते हैं, जिससे उनकी ईएमआई में कमी आएगी और ब्याज की बचत होगी।

रिफाइनेंसिंग के दौरान कर्जदार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे जो नई ब्याज दर पा रहे हैं, वह उनके पुराने ब्याज दर से कम हो और नए लोन के साथ जुड़ी कोई अतिरिक्त लागत या शुल्क भी कम हो। इस प्रक्रिया से कर्जदार न केवल अपनी ईएमआई कम कर सकते हैं, बल्कि कुल ब्याज भुगतान में भी काफी बचत कर सकते हैं।

लोन पर ब्याज दर कम होने के अन्य फायदे

कम ब्याज दर का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह कर्जदार के आर्थिक जीवन को आसान बनाता है। ईएमआई कम होने से कर्जदार के पास अधिक नकद प्रवाह होता है, जिससे वे अन्य जरूरी खर्चों को पूरा करने में सक्षम होते हैं। इसके अलावा, ब्याज की बचत से कर्जदार जल्दी कर्ज चुकता कर सकते हैं और कर्ज मुक्त हो सकते हैं।

क्यों महत्वपूर्ण है कम ब्याज दर का फायदा उठाना?

कम ब्याज दरों का लाभ उठाना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लंबे समय में बहुत बड़ी रकम की बचत कर सकता है। यदि किसी ने ₹50 लाख का लोन 20 वर्षों के लिए लिया है और ब्याज दर में 1 प्रतिशत की कमी आई है, तो यह बचत लाखों में हो सकती है। इसके अलावा, ब्याज दरों में कमी का फायदा उन कर्जदारों को ज्यादा होता है जिनका लोन बैलेंस ज्यादा होता है और जिनके पास लंबी अवधि का लोन होता है।

आरबीआई द्वारा रेपो रेट घटाने के फैसले से होम लोन कर्जदारों को बड़ी राहत मिलेगी। ब्याज दर में कमी से कर्जदारों की ईएमआई कम होगी और लोन की कुल लागत में भी बचत होगी। कर्जदारों को चाहिए कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं, और अगर जरूरत हो तो अपनी मौजूदा लोन दर को कम करने के लिए रिफाइनेंसिंग का विचार करें। इस तरह, वे अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर बना सकते हैं और अपने घर के सपने को जल्द पूरा कर सकते हैं।

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