GST : सरकारी क्षेत्र की प्रमुख जनरल इंश्योरेंस कंपनी New India Assurance Company Limited को GST विभाग की ओर से एक बेहद बड़ा झटका लगा है। कंपनी को ₹2298 करोड़ का एक जीएसटी डिमांड नोटिस भेजा गया है। यह नोटिस मुंबई साउथ और महाराष्ट्र स्टेट के एडिशनल कमिश्नर ऑफिस से जारी किया गया है। यह मांग पिछले 5 वित्तीय वर्षों के लिए है यानी अप्रैल 2018 से मार्च 2023 तक के लेनदेन पर केंद्रित है। इतनी बड़ी राशि के टैक्स डिमांड ने निवेशकों से लेकर शेयर बाजार तक सबको चौंका दिया है।
कंपनी का दावा- हमारी स्थिति मजबूत
न्यू इंडिया एश्योरेंस ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा है कि वह इस नोटिस का विस्तृत उत्तर देने की तैयारी कर रही है। कंपनी ने यह भी कहा है कि वह टैक्स एडवाइजर्स की सलाह लेकर तय समय सीमा के भीतर नोटिस का जवाब देगी। कंपनी को भरोसा है कि उसका पक्ष तथ्यों और कानून के आधार पर मजबूत है। बता दें कि यह कंपनी मोटर, हेल्थ, ट्रैवल, पर्सनल एक्सीडेंट और क्रेडिट इंश्योरेंस जैसे कई प्रोडक्ट्स ऑफर करती है और पूरे देश में इसकी मौजूदगी है।
शेयर बाजार में गिरावट, निवेशकों की चिंता बढ़ी
इस नोटिस के बाद न्यू इंडिया एश्योरेंस के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। गुरुवार को कंपनी का शेयर ₹185.80 पर बंद हुआ, जो बुधवार के ₹190.25 से ₹4.45 यानी 2.34% कम है। गुरुवार को शेयर ने ₹192.10 की मजबूती से शुरुआत की थी लेकिन जैसे-जैसे खबर फैली, उसमें गिरावट आने लगी और यह ₹185.00 के इंट्राडे लो तक पहुंच गया। यह गिरावट बताती है कि निवेशक इस विवाद को लेकर फिलहाल सतर्क हैं।
52 हफ्ते के हाई से काफी नीचे ट्रेड कर रहे शेयर
BSE पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार, कंपनी के शेयर अपने 52 हफ्ते के उच्चतम स्तर ₹309.90 से काफी नीचे चल रहे हैं। वहीं इसका 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर ₹135.05 रहा है। इसका मतलब है कि अभी के शेयर भाव में भारी अंतर है और यह दर्शाता है कि बाजार इस खबर से पहले ही कुछ हद तक सतर्क था। कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप ₹30,619.84 करोड़ है जो इसे बीएसई 500 इंडेक्स में बनाए रखता है।
आगे क्या हो सकता है?
अब सबकी नजर कंपनी की ओर से दिए जाने वाले जवाब पर है। अगर न्यू इंडिया एश्योरेंस अपने पक्ष में मजबूत दस्तावेज और तर्क रख पाती है, तो यह मामला जल्दी सुलझ सकता है। लेकिन अगर टैक्स विभाग की आपत्ति बनी रही, तो कंपनी को इतना बड़ा टैक्स अदा करना पड़ सकता है जिससे उसकी वित्तीय स्थिति और शेयर बाजार प्रदर्शन पर गंभीर असर पड़ सकता है। आने वाले सप्ताह में इस पर निवेशकों और बाजार की प्रतिक्रिया और भी स्पष्ट होगी।