China-US trade: वित्तीय वर्ष 2024-25 के दूसरे हाफ में कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद भारत ने लगातार चौथे साल सबसे बेहतरीन उभरती हुई बाजार अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल किया है। Mint के Emerging Markets Tracker के अनुसार भारत को इस दौरान न केवल बाजार के गिरावट का सामना करना पड़ा बल्कि रुपये में भी बड़ी गिरावट आई।
भारत ने क्यों झेला संघर्ष?
हालांकि पिछले कुछ सालों के मुकाबले भारत को इस साल अपनी टॉप पोजीशन बनाए रखने के लिए ज्यादा संघर्ष करना पड़ा। अगस्त 2024 में भारत इस सूची में छठे स्थान पर आ गया था। फरवरी 2025 में भारत 7वें स्थान पर भी पहुंच गया। लेकिन साल की शुरुआत में भारत ने मजबूत प्रदर्शन किया और चीन और फिलीपींस जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया।
विदेशी निवेशकों का पलायन
भारत ने 2024-25 के पहले चार महीनों तक अपनी पहली पोजीशन बनाए रखी लेकिन सितंबर से भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों के पलायन ने भारत की स्थिति को कमजोर कर दिया। हालांकि अब फिर से भारत में उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है क्योंकि भारत आर्थिक वृद्धि और अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव में बेहतर स्थिति में है।
चीन-अमेरिका व्यापार युद्ध ने दी भारत को नई उम्मीद
चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध के कारण निवेशक चीन से बाहर निकलकर एक बार फिर भारत की ओर रुख कर रहे हैं। इसने भारत को एक सुरक्षित आश्रय के रूप में स्थापित किया है। इसके अलावा भारत का घरेलू मांग आधारित आर्थिक ढांचा भी इसे अन्य एशियाई देशों से बेहतर बनाता है।
भारत का मुद्रास्फीति में शानदार प्रदर्शन
हालांकि भारत की उभरती हुई बाजार में स्थिति बाहरी चुनौतियों के कारण थोड़ी कमजोर हुई लेकिन जब बात हो आर्थिक वृद्धि और मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स की तो भारत ने पूरे साल में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया। मुद्रास्फीति के मामले में भी भारत का प्रदर्शन अन्य देशों से बेहतर रहा।