Aadhar Card: आज के समय में आधार के बिना ज़िंदगी की कल्पना करना भी मुश्किल हो गया है। बैंक खाता खोलना हो या सरकारी योजना का लाभ लेना हो हर जगह आधार की जरूरत पड़ती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आधार ऑथेंटिकेशन आखिर होता क्या है और कैसे यह आपकी पहचान की पुष्टि करता है।
कैसे होता है आधार ऑथेंटिकेशन
आधार ऑथेंटिकेशन एक प्रक्रिया है जिसमें यह पुष्टि की जाती है कि व्यक्ति वही है जो वह दावा करता है। इसके लिए व्यक्ति का आधार नंबर और उससे जुड़ी जानकारी UIDAI के डेटाबेस में भेजी जाती है। वहां मौजूद डेटा से उसकी पुष्टि की जाती है और सही पाए जाने पर ही व्यक्ति की पहचान मान्य होती है।
तीन तरीकों से होती है पहचान की पुष्टि
पहला तरीका OTP आधारित होता है जिसमें आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाता है जिसे दर्ज कर आप अपनी पहचान की पुष्टि करते हैं। दूसरा तरीका बायोमेट्रिक होता है जिसमें अंगुलियों के निशान या आंख की पुतली की स्कैनिंग से पहचान होती है। तीसरा तरीका फेस ऑथेंटिकेशन है जिसमें चेहरे की फोटो UIDAI के रिकॉर्ड से मिलाई जाती है।
आधार ऑथेंटिकेशन के फायदे
आधार ऑथेंटिकेशन से तुरंत पहचान हो जाती है और इसके लिए किसी अन्य पहचान पत्र की जरूरत नहीं होती। इससे सरकारी सेवाओं का लाभ लेना आसान हो जाता है और धोखाधड़ी की संभावना भी कम हो जाती है। अब लगभग हर डिजिटल सेवा में यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है जिससे सिस्टम पारदर्शी बना है।
UIDAI कैसे देता है पहचान की सूचना
जब भी आपके आधार से जुड़ा कोई OTP या बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन होता है तो UIDAI इसकी जानकारी आपके पंजीकृत ईमेल पर भेजता है। यह सुविधा इसलिए दी गई है ताकि आप जान सकें कि आपके आधार का उपयोग कब और कहां हुआ। इससे सुरक्षा और नियंत्रण दोनों मिलते हैं।