Delhi वालों के लिए यह खबर चिंता बढ़ा सकती है क्योंकि अब जल्द ही राजधानी में बिजली महंगी हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बिजली दरें बढ़ाने की अनुमति दे दी है। हालांकि कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह बढ़ोतरी सीमित दायरे में ही होनी चाहिए ताकि आम लोगों की जेब पर ज्यादा असर न पड़े। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह बढ़ोतरी नियमों के दायरे में रहकर ही की जाए।
DERC को सौंपी गई जिम्मेदारी
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (DERC) को आदेश दिया है कि वह एक साफ-सुथरा ब्लूप्रिंट तैयार करे। इस ब्लूप्रिंट में यह बताया जाए कि दरें कब और कैसे बढ़ाई जाएंगी। कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित किया है कि बढ़ोतरी के बावजूद बिजली दरें आम जनता के लिए किफायती बनी रहें। इससे साफ है कि पूरी प्रक्रिया निगरानी के साथ की जाएगी और जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।
लंबे समय से कंपनियों की थी मांग
दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली कंपनियां लंबे समय से बिजली की दरें बढ़ाने की मांग कर रही थीं। उनका कहना है कि बिजली उत्पादन और वितरण की लागत लगातार बढ़ रही है। मौजूदा दरों पर बिजली बेचने से उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। इसी कारण कंपनियां वित्तीय संकट में हैं और आगे सेवाएं देना मुश्किल होता जा रहा है। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनकी यह मांग आंशिक रूप से पूरी होती दिख रही है।
200 यूनिट तक मिलती है मुफ्त बिजली
दिल्ली सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिलती है। इस योजना का फायदा लाखों परिवारों को मिलता है। हालांकि 200 यूनिट के बाद हर यूनिट का शुल्क देना होता है और खपत के अनुसार बिल बढ़ता जाता है। बिजली दरों में बढ़ोतरी से 200 यूनिट के बाद की खपत करने वाले उपभोक्ताओं पर असर पड़ सकता है लेकिन सरकार की सब्सिडी योजना फिलहाल जारी है।
आम जनता को कितना पड़ेगा असर
हालांकि बिजली की दरें बढ़ने की खबर चिंता का कारण हो सकती है लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश में यह सुनिश्चित किया गया है कि आम जनता पर इसका बहुत बड़ा असर न हो। बढ़ोतरी सीमित होगी और DERC की निगरानी में की जाएगी। सरकार की सब्सिडी योजना भी कुछ राहत दे सकती है। ऐसे में फिलहाल बिजली संकट की संभावना नहीं है पर लोग सतर्क जरूर हो गए हैं।