WiFi 6: सरकार ने आखिरकार टेक कंपनियों की पुरानी मांग को मान लिया है। 6GHz स्पेक्ट्रम बैंड को अब डीलाइसेंस कर दिया गया है जिससे भारत में WiFi 6 की एंट्री तय हो गई है। इससे लोगों को घर और ऑफिस में सुपरफास्ट इंटरनेट की सुविधा मिलने वाली है।
क्या है नया नियम और कौन करेगा इसका पालन
16 मई 2025 को जारी राजपत्र अधिसूचना के अनुसार यह नियम टेलीकम्युनिकेशन एक्ट 2023 की धारा 56 के तहत बनाया गया है। इसमें कहा गया है कि 5925 से 6425 MHz तक के बैंड को लो पावर और वेरी लो पावर वायरलेस नेटवर्क के लिए डीलाइसेंस कर दिया गया है।
कहां नहीं किया जा सकेगा इसका इस्तेमाल
इस नए नियम के अनुसार 6GHz बैंड का इस्तेमाल ऑयल प्लेटफॉर्म्स लैंड व्हीकल्स बोट्स और एयरक्राफ्ट्स में नहीं किया जा सकेगा। ड्रोन और अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स के लिए भी इसका उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। यह फैसला सुरक्षा और तकनीकी दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
डिजिटल इंडिया के लिए यह कदम साबित हो सकता है गेमचेंजर
सरकार का यह फैसला भारत के डिजिटल फ्यूचर के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। इससे तेज कनेक्टिविटी मिलेगी और नेटवर्क डिसकनेक्शन की समस्या भी कम होगी। खासकर गेमिंग और वीडियो स्ट्रीमिंग में यह बैंड बेहद उपयोगी होगा। कई बड़ी टेक कंपनियों ने इस फैसले का स्वागत किया है।
BIF और दिग्गज कंपनियों की थी यह बड़ी मांग
ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम ने इस नियम को लेकर पहले ही पत्र लिखा था। उनका कहना था कि स्पेक्ट्रम डीलाइसेंस न होने से हर साल लगभग 12.7 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। BIF में मेटा गूगल अमेजन माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां शामिल हैं जो WiFi 6 के लिए तैयार थीं।