भारत के सर्वोच्च न्यायालय को सोमवार को अपना 53वां मुख्य न्यायाधीश मिल गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने CJI Surya Kant को भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। इससे पहले सीजेआई बी आर गवई ने सेवानिवृत्त होकर अपना कार्यकाल पूरा किया था। न्यायमूर्ति सूर्यकांत का पदभार ग्रहण करना देश की न्याय व्यवस्था के लिए एक नया और महत्वपूर्ण अध्याय माना जा रहा है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत का कार्यकाल दो वर्षों तक न्यायिक नेतृत्व
न्यायमूर्ति सूर्यकांत का कार्यकाल 24 नवंबर 2025 से शुरू होकर 9 फरवरी 2027 तक चलेगा। केंद्र सरकार के विधि मंत्रालय के न्याय विभाग ने नवंबर की शुरुआत में ही इस नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी थी। इन सत्रह महीनों में वे महत्वपूर्ण संवैधानिक मामलों से लेकर न्यायपालिका में सुधारों तक कई अहम दायित्व निभाएंगे और देश की अदालतों के कामकाज में नई दिशा प्रदान करेंगे।
हरियाणा से उठी आवाज न्याय की शिखर तक पहुंचा सफर
न्यायमूर्ति सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार जिले में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले दिए और अपनी न्यायिक समझ व निष्पक्षता के लिए प्रसिद्ध हुए। 5 अक्टूबर 2018 को वे हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाए गए, जहां उन्होंने कई ऐतिहासिक निर्णय देकर अपनी पहचान और मजबूत की।
#WATCH | दिल्ली: जस्टिस सूर्यकांत ने राष्ट्रपति भवन में भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई।
(सोर्स: DD न्यूज़) pic.twitter.com/bAWAWbWpjf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 24, 2025
संपत्ति विवरण में पारदर्शिता सादगी और सुविचारित निवेश का उदाहरण
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार नए मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत स्वयं कोई वाहन नहीं रखते। हालांकि उनकी पत्नी के नाम पर एक वैगनआर कार दर्ज है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत के पास देशभर में छह आवासीय संपत्तियां और दो प्लॉट हैं। इनमें चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में एक कनाल का घर, न्यू चंडीगढ़ के इको सिटी-2 में 500 वर्ग गज का प्लॉट, सेक्टर 18-सी में 192 वर्ग गज का घर और पंचकूला स्थित गोलपुरा गांव में 13.5 एकड़ कृषि भूमि शामिल है। वे गुरुग्राम के सुषांत लोक-1 में 300 वर्ग गज का प्लॉट और डीएलएफ-2 में 250 वर्ग गज का घर भी रखते हैं। दिल्ली के ग्रेटर कैलाश-1 में उनके पास 285 वर्ग गज के मकान का ग्राउंड फ्लोर और बेसमेंट भी है।
जड़ों से जुड़ा व्यक्तित्व न्याय व्यवस्था में नई उम्मीदें
अपने पैतृक स्थान हिसार और पेटरवार में भी न्यायमूर्ति सूर्यकांत की कृषि और आवासीय संपत्तियां हैं। उनकी यह सादगीपूर्ण पृष्ठभूमि और मेहनत से बना प्रतिष्ठित स्थान उन्हें जनता के और करीब लाता है। देश को उम्मीद है कि एक अनुभवी और दूरदर्शी न्यायाधीश के रूप में सूर्यकांत न्यायपालिका को नई दिशा देंगे और न्यायिक प्रणाली को और पारदर्शी व प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

