Vaibhav Suryavanshi को इस वक्त भारतीय अंडर-19 क्रिकेट का सबसे उभरता हुआ सितारा माना जा रहा है। वे अपनी आक्रामक बल्लेबाजी और तेज रन बनाने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, बड़े और अहम मुकाबलों में उनका बल्ला कभी-कभी उनका साथ नहीं देता। ऐसा ही अंडर-19 एशिया कप 2025 के सेमीफाइनल में भी देखने को मिला। भारत और श्रीलंका के बीच खेले गए इस मुकाबले में वैभव ने एक तेज लेकिन बेहद छोटी पारी खेली। उनके आउट होने के समय टीम इंडिया संकट में थी, जिससे भारतीय टीम की जीत की राह थोड़ी कठिन नजर आने लगी।
बारिश के कारण मैच हुआ छोटा
अंडर-19 एशिया कप का सेमीफाइनल बारिश की वजह से 20 ओवर का कर दिया गया। टूर्नामेंट मूल रूप से 50 ओवर का था, लेकिन लगातार बारिश और मैदान गीला होने के कारण मैच समय से नहीं शुरू हो पाया। भारतीय समयानुसार मैच सुबह साढ़े दस बजे से शुरू होना था, लेकिन खेल करीब साढ़े तीन बजे शुरू हुआ। भारतीय कप्तान आयुष म्हात्रे ने टॉस जीतकर श्रीलंका को पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। श्रीलंका ने 20 ओवर में आठ विकेट खोकर 138 रन बनाए। भारत को जीत के लिए 139 रन बनाने थे, लेकिन शुरुआत में सलामी जोड़ी जल्दी गिरने से टीम संकट में आ गई।
सलामी जोड़ी का जल्दी आउट होना
टीम इंडिया की सलामी जोड़ी के तौर पर कप्तान आयुष म्हात्रे और Vaibhav Suryavanshi मैदान में उतरे। हालांकि आयुष जल्दी आउट हो गए। आयुष ने आठ बॉल पर सिर्फ सात रन बनाए और दूसरा ही ओवर चल रहा था कि टीम का स्कोर मात्र सात रन पर पहुंच गया। इसके बाद वैभव सूर्यवंशी ने कुछ आकर्षक स्ट्रोक खेले और ऐसा लगा कि उनका बल्ला इस बार टीम का साथ देगा। लेकिन वैभव भी जल्दी आउट हो गए। उन्होंने छह बॉल पर केवल 9 रन बनाए, जिसमें दो चौके शामिल थे। उनके आउट होने के बाद भारत का स्कोर 25 रन था और चौथा ओवर चल रहा था। सलामी जोड़ी का जल्दी गिरना टीम पर संकट के बादल लाया।
Vaibhav Suryavanshi के प्रदर्शन में अस्थिरता
Vaibhav Suryavanshi ने अंडर-19 एशिया कप में पहले भी शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने यूएई के खिलाफ 171 रन की धुआंधार पारी खेली थी। इसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ उनका बल्ला कुछ खास नहीं चला और वे केवल पांच रन बनाकर आउट हो गए। मलेशिया के खिलाफ उन्होंने फिर 50 रन बनाए, जिससे उनकी क्षमता का अंदाजा मिलता है। हालांकि, सेमीफाइनल जैसे अहम मुकाबलों में उनका रन ना बनाना चिंता का विषय बनता है। वैभव के लिए चुनौती यही है कि वह बड़े मैचों में अपनी आक्रामकता के साथ टीम के लिए लगातार रन बनाएं और भारत को फाइनल की राह आसान बनाएं।

