US: अमेरिका में वीज़ा नियमों की सख्ती से पाकिस्तानियों में बढ़ी चिंता
अमेरिका में रह रहे पाकिस्तानी छात्रों और वीज़ाधारकों के बीच इन दिनों गहरी बेचैनी देखने को मिल रही है। ट्रंप प्रशासन द्वारा सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी और अमेरिका विरोधी गतिविधियों की समीक्षा ने पाकिस्तानी समुदाय में खलबली मचा दी है। मामूली सी गलती, ट्रैफिक उल्लंघन, राजनीतिक गतिविधि या अधूरे दस्तावेज भी अब उनके प्रवास को खतरे में डाल सकते हैं। इस सख्ती का सबसे अधिक असर उन छात्रों और अस्थायी वीज़ाधारकों पर हो रहा है, जो पढ़ाई या नौकरी के लिए अमेरिका आए हैं।
सोशल मीडिया पर बढ़ी निगरानी
डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी प्रशासन अब सोशल मीडिया पर गहन जांच कर रहा है। अधिकारी फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर सक्रियता की समीक्षा कर रहे हैं ताकि किसी भी तरह की अमेरिकी नागरिकों, संस्कृति, सरकार या संस्थानों के प्रति शत्रुता का पता लगाया जा सके। यहां तक कि किसी पोस्ट या शेयर की गई सामग्री में छिपे संकेत भी चिंता का कारण बन सकते हैं। जिन छात्रों ने फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में हिस्सा लिया है, वे खास तौर पर अधिक दहशत में हैं।
बाल्टीमोर की छात्रा समीना अली ने कहा – “हममें से कुछ ने फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों में भाग लिया था, लेकिन अब हमें डर है कि कहीं यह हमारे वीज़ा रद्दीकरण या निर्वासन का कारण न बन जाए।”
मामूली उल्लंघन भी बन सकता है खतरा
अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग (DHS) अब ट्रैफिक उल्लंघन और कैंपस प्रदर्शनों तक की जानकारी प्राप्त कर रहा है। हाल ही में उत्तरी वर्जीनिया में एक अदालत ने दो पाकिस्तानी छात्रों को सूचित किया कि अब अदालतों को ट्रैफिक रिकॉर्ड सीधे DHS के साथ साझा करने होंगे।
छात्र यूनुस खान ने कहा – “हम शिकागो जाने की योजना बना रहे थे, लेकिन हमें सलाह दी गई कि यात्रा टाल दें। वीज़ा धारकों के लिए अब छोटी सी गलती भी भारी पड़ सकती है।”

इसी तरह जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी के छात्र मोहम्मद साजिद ने बताया कि अब पार्ट-टाइम नौकरी करना भी मुश्किल हो गया है। नियमों के सख्त होने से वर्क परमिट और नौकरी की शर्तें भी और जटिल हो गई हैं।
पाकिस्तानी समुदाय में बढ़ी चिंता
अमेरिका में रहने वाले सात से 10 लाख पाकिस्तानी अब चिंता की स्थिति में हैं। इनमें अधिकांश नागरिक या स्थायी निवासी हैं, लेकिन बड़ी संख्या में अस्थायी वीज़ा धारक और छात्र भी मौजूद हैं। आधिकारिक आंकड़ों की कमी के कारण सटीक संख्या स्पष्ट नहीं है, लेकिन अनुमान है कि लगभग 12,500 पाकिस्तानी छात्र 2025 में अमेरिका में पढ़ाई कर रहे होंगे।
तुलना के लिए देखें तो भारत से सबसे अधिक 3,31,602 छात्र अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं, 2024 में पाकिस्तान ने 10,988 छात्र, बांग्लादेश ने 17,099 छात्र और नेपाल ने 16,742 छात्र अमेरिका भेजे थे।
पाकिस्तानी दूतावास की चेतावनी
वाशिंगटन स्थित पाकिस्तानी दूतावास ने छात्रों और वीज़ाधारकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। दूतावास ने कहा है कि सभी लोग अपने कानूनी दस्तावेजों की वैधता की जांच करें, किसी भी राजनीतिक गतिविधि में भाग लेने से पहले सावधानी बरतें और अपने अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी रखें।
दूतावास के अधिकारियों ने यह भी बताया कि स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है और ज़रूरत पड़ने पर प्रभावित छात्रों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
अमेरिका में वीज़ा नियमों की इस सख्ती ने पाकिस्तानी छात्रों और वीज़ाधारकों के भविष्य को अनिश्चितता में डाल दिया है। सोशल मीडिया गतिविधियों से लेकर कैंपस प्रदर्शनों और ट्रैफिक उल्लंघनों तक की निगरानी ने उनके रोज़मर्रा जीवन को और कठिन बना दिया है। फिलहाल, पाकिस्तानी दूतावास की सलाह यही है कि छात्र और वीज़ाधारक सतर्क रहें, दस्तावेज़ों को अद्यतन रखें और ऐसी किसी भी गतिविधि से दूर रहें