फ्रांस की प्रमुख ऊर्जा कंपनी TotalEnergies, जो गौतम अडानी के समूह की संयुक्त साझेदार है, अपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) में लगभग 6% हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। टोटलएनर्जीज़ के पास इस समय अडानी ग्रीन में करीब 19% हिस्सेदारी है, जो दो कंपनियों — टोटलएनर्जीज़ रिन्यूएबल्स इंडियन ओशियन लिमिटेड (15.58%) और टोटलएनर्जीज़ सोलर विंड इंडियन ओशियन लिमिटेड (3.41%) — के माध्यम से है। टोटलएनर्जीज़ ने यह हिस्सेदारी 2021 में करीब 2.5 अरब डॉलर में खरीदी थी, जो अब लगभग 8 अरब डॉलर की हो गई है। इससे पता चलता है कि कंपनी ने चार सालों में 220% से अधिक का रिटर्न कमाया है।
हिस्सेदारी बेचने के कारण और संभावित लाभ
कंपनी अब अपने इस निवेश से लाभ लेकर अपनी हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा बेचने का विचार कर रही है। अगर टोटलएनर्जीज़ अपनी 6% हिस्सेदारी बेचती है तो उसे करीब ₹10,200 करोड़ (लगभग 1.14 अरब डॉलर) मिल सकते हैं। हालांकि, इस बारे में अभी तक टोटलएनर्जीज़ या अडानी ग्रीन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यह भी कहा जा रहा है कि यह हिस्सेदारी अडानी ग्रीन को भी बेची जा सकती है, जो इसे पुनः मूल्यांकन कर सकती है।

अडानी ग्रीन का विकास और विश्व का सबसे बड़ा सौर प्रोजेक्ट
अडानी ग्रीन, 2015 में स्थापित, भारत की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों में से एक है। कंपनी की परिचालन क्षमता 16.6 गीगावाट से अधिक है और यह 2030 तक 50 गीगावाट तक पहुंचने का लक्ष्य रखती है। गुजरात के खावड़ा क्षेत्र में कंपनी दुनिया के सबसे बड़े रिन्यूएबल एनर्जी प्लांट का निर्माण कर रही है, जिसका क्षेत्रफल 538 वर्ग किलोमीटर है, जो पेरिस से पांच गुना बड़ा है। सितंबर 2024 में टोटलएनर्जीज़ ने अडानी ग्रीन के साथ एक संयुक्त उद्यम स्थापित किया, जिसके तहत वे 1,150 मेगावाट की सौर परियोजनाओं को मिलकर संचालित कर रहे हैं। टोटल ने विकास को तेज करने के लिए 444 मिलियन डॉलर निवेश करने की घोषणा की है।
गैस कारोबार में भी मजबूत साझेदारी
टोटलएनर्जीज़ और अडानी समूह की साझेदारी केवल नवीकरणीय ऊर्जा तक सीमित नहीं है, बल्कि वे गैस व्यवसाय में भी लंबे समय से साथ काम कर रहे हैं। 2018 से दोनों कंपनियां सिटी गैस वितरण, LNG टर्मिनल परिसंपत्तियां और गैस मार्केटिंग में मिलकर काम कर रही हैं। इस संयुक्त उद्यम में अडानी और टोटलएनर्जीज़ दोनों के पास 37.4% हिस्सेदारी है, जबकि 25.2% हिस्सेदारी सार्वजनिक शेयरधारकों के पास है। डीहमरा और संभवतः मुंद्रा LNG टर्मिनल में भी इनका निवेश है।
कर्ज कम करने के लिए टोटलएनर्जीज़ की रणनीति
टोटलएनर्जीज़ वर्तमान में एशिया में अपनी कई नवीकरणीय ऊर्जा संपत्तियों को बेचने पर विचार कर रही है ताकि अपने कर्ज के बोझ को कम किया जा सके। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने 2027 से 2030 के बीच अपनी वार्षिक पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में 1 अरब डॉलर की कटौती करने की योजना बनाई है, जिससे यह $15-17 बिलियन प्रति वर्ष तक सीमित हो जाएगा। यह कदम कंपनी की $7.5 बिलियन की बचत योजना का हिस्सा है। इससे टोटलएनर्जीज़ अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करके भविष्य में बेहतर निवेश कर सकेगी।

