राजस्थान जल्द ही अपनी पहली ई-बस निर्माण इकाई का घर बनने जा रहा है। राज्य सरकार ने इसके लिए 65 एकड़ भूमि आवंटित की है। Kotputli-Behror जिले के Ghiloth औद्योगिक क्षेत्र में PMI Electro Mobility Solutions ₹1,200 करोड़ की लागत से यह प्लांट स्थापित करेगा। मंगलवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि यह राजस्थान में इस तरह का पहला संयंत्र होगा।
औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन में बढ़ोतरी
इस परियोजना से राज्य में औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। भूमि आवंटन राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन (RIICO) के माध्यम से किया गया। “Rising Rajasthan” ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में इसके लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। PMI Electro Mobility Solutions इस संयंत्र में प्रारंभिक तौर पर ₹1,200 करोड़ का निवेश करेगी। प्लांट में इलेक्ट्रिक बसें, बस बॉडी, मोटर, बैटरी, वायर हार्नेस और अन्य पुर्ज़े तैयार किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री का समर्थन और योजनाएं
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने PMI Electro Mobility Solutions की प्रतिनिधि टीम से मुलाकात के दौरान कहा कि यह परियोजना राज्य में औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान देगी। उन्होंने बताया कि यह परियोजना युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करेगी। इस पहल से राजस्थान को इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण का प्रमुख केंद्र बनाने में मदद मिलेगी।
हरित ऊर्जा और सतत शहरी परिवहन की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा, “यह संयंत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ विजन को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।” उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार हरित ऊर्जा और सतत शहरी परिवहन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह प्लांट राजस्थान में इलेक्ट्रिक परिवहन क्षेत्र की वृद्धि को तेज करेगा और पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों को बढ़ावा देगा।
राजस्थान के लिए भविष्य की संभावनाएं
इस परियोजना से राज्य में नई तकनीकी क्षमता और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा। ई-बस उत्पादन से न केवल सार्वजनिक परिवहन की दक्षता बढ़ेगी बल्कि प्रदूषण में भी कमी आएगी। राजस्थान युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करेगा और राज्य को औद्योगिक दृष्टि से मजबूत बनाएगा। यह परियोजना राज्य की आर्थिक और पर्यावरणीय प्रगति का प्रतीक मानी जा रही है।

