Taxation on Mutual Funds Return: भारतीय स्टॉक मार्केट लंबे समय से कमजोरी के दौर से गुजर रहा था, लेकिन अब इसमें मजबूत सुधार देखने को मिल रहा है। हालांकि इस साल भारतीय बाजार ने अन्य बाजारों की तुलना में कम प्रदर्शन किया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द ही यहां तेजी आएगी। बाजार में उतार-चढ़ाव का असर निवेशकों के म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो पर भी पड़ा है। फिर भी, जो निवेशक लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं, वे ज्यादा चिंतित नहीं हैं। आज हम जानेंगे कि पत्नी के नाम म्यूचुअल फंड SIP में निवेश करने पर टैक्स कैसे लगता है और कितना देना होगा।
पत्नी के नाम SIP करने का चलन बढ़ा
पिछले कुछ वर्षों में म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लोगों की संख्या काफी बढ़ी है। खासतौर पर महिलाओं और छोटे निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है। देश की कामकाजी महिलाएं भी अब म्यूचुअल फंड में ज्यादा निवेश कर रही हैं। इसके अलावा, कई पुरुष अपने कामकाजी जीवन या व्यवसाय के साथ-साथ अपनी पत्नियों के नाम पर भी SIP शुरू कर रहे हैं। ऐसे में अगर आप भी अपनी पत्नी के नाम म्यूचुअल फंड SIP में निवेश करने की सोच रहे हैं तो टैक्स नियमों को समझना बेहद जरूरी है।

पत्नी के नाम SIP पर टैक्स नियम क्या हैं?
म्यूचुअल फंड SIP से होने वाली आय पर कैपिटल गेन टैक्स लगता है। यह टैक्स दो प्रकार का होता है। अगर आपने इक्विटी म्यूचुअल फंड की यूनिट्स को एक साल के अंदर बेच दिया तो आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स देना होगा, जो कि 15% होता है, न कि 20%। जबकि एक साल बाद यूनिट्स बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स लगता है, जो 10% (12.5% नहीं) है, और इसमें 1 लाख रुपये तक की LTCG टैक्स छूट भी मिलती है। यदि आप डेट फंड्स में निवेश करते हैं तो उस पर आपका टैक्स स्लैब लागू होगा। ध्यान रहे, यह टैक्स नियम महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए समान हैं। मतलब यह कि पत्नी के नाम SIP करने पर भी टैक्स आपके लिए सामान्य टैक्स नियमों के तहत ही लगेगा।
SIP निवेश के फायदे और टैक्स बचत के तरीके
SIP के जरिए निवेश करने से आपको बाजार के उतार-चढ़ाव का जोखिम कम होता है क्योंकि यह नियमित और छोटी रकम में निवेश होता है। यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं, तो LTCG टैक्स की सीमा में टैक्स बचत का फायदा मिल सकता है। साथ ही, ELSS (इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम) के तहत निवेश कर आप आयकर में भी छूट पा सकते हैं। यह योजना 3 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आती है और टैक्स बचाने का अच्छा जरिया है। पत्नी के नाम SIP करने से परिवार के आय के स्रोत में विविधता आती है, लेकिन टैक्स की दृष्टि से यह कोई बड़ा फर्क नहीं डालता।
निष्कर्ष: पत्नी के नाम SIP में निवेश करें लेकिन टैक्स नियम समझें
पत्नी के नाम म्यूचुअल फंड SIP में निवेश करना एक लोकप्रिय तरीका बनता जा रहा है, खासकर उन परिवारों में जहां महिला सदस्य भी वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करना चाहती हैं। हालांकि, टैक्स की बात करें तो पति या पत्नी के नाम पर निवेश करने से कोई अलग-अलग नियम नहीं होते। दोनों को समान टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा। इसलिए निवेश से पहले टैक्स नियमों को पूरी तरह समझ लेना और सही योजना बनाना जरूरी है। सही रणनीति और निवेश से आप अपने पोर्टफोलियो को बेहतर बना सकते हैं और टैक्स में भी बचत कर सकते हैं।

