Swachh Bharat Survey: देश में स्वच्छ भारत मिशन के तहत आयोजित स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के नतीजे 17 जुलाई को जारी कर दिए गए हैं। एक बार फिर इंदौर शहर ने स्वच्छता की दौड़ में सबको पछाड़ते हुए देश का सबसे स्वच्छ शहर बनने का गौरव हासिल किया है। यह लगातार आठवां साल है जब इंदौर ने यह खिताब अपने नाम किया है। राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यह पुरस्कार इंदौर नगर निगम को प्रदान किया।
अलग-अलग जनसंख्या वर्गों में बांटा गया सर्वे
इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण को पांच अलग-अलग जनसंख्या श्रेणियों में बांटा गया था। इसमें 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की एक श्रेणी थी। इसी में इंदौर ने पहला स्थान पाया। इसके बाद सूरत ने दूसरा स्थान हासिल किया और नवी मुंबई तीसरे स्थान पर रही। 3 से 10 लाख की श्रेणी में नोएडा पहले स्थान पर रहा जबकि चंडीगढ़ और मैसूर ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान पाया।
सुपर स्वच्छ इंदौर,
यह एक अलग दौर !!!आज नई दिल्ली में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के तहत पुरस्कार प्राप्त कर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।
इंदौर को लगातार आठवीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इसी के साथ… pic.twitter.com/DzuAE4oZNu
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) July 17, 2025
इंदौर की जीत पर खुशी की लहर
इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त किया। विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया पर लिखा “सुपर स्वच्छ इंदौर, यह एक अलग ही युग है”। उन्होंने लिखा कि इंदौर की जनता और प्रशासन दोनों ने इस सफाई की संस्कृति को जीवनशैली में ढाल दिया है। उनके अनुसार यह जीत सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं बल्कि इंदौर की पहचान बन गई है।
अन्य शहरों की उपलब्धियां
50 हजार से 3 लाख की जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में नई दिल्ली ने पहला स्थान हासिल किया। वहीं तिरुपति दूसरे और अंबिकापुर तीसरे स्थान पर रहे। 20 से 50 हजार की श्रेणी में विटा पहले नंबर पर आया। इसके अलावा पंचगनी ने 20 हजार से कम जनसंख्या वाली श्रेणी में बाजी मारी। इस वर्ग में पाटन, पन्हाला और विश्रामपुर जैसे छोटे शहर भी शीर्ष स्थानों पर रहे।
एक नई दिशा की ओर भारत
स्वच्छता सर्वेक्षण सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं बल्कि भारत को साफ-सुथरा और जागरूक देश बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। इंदौर की लगातार जीत यह बताती है कि जब प्रशासन और जनता मिलकर कार्य करें तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। बाकी शहरों को भी इस दिशा में प्रेरणा लेकर अपने प्रयास तेज करने होंगे ताकि आने वाले वर्षों में वे भी इस सूची में शीर्ष पर आ सकें।

