सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म ‘Udaipur Files’ की रिलीज पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह संबंधित अदालत में जाकर अपनी बात रखे और यदि मामला गंभीर हो तो फिल्म से जुड़े मुद्दों पर दोबारा सुनवाई की मांग करे। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि फिल्म की रिलीज पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी।
फिल्म की कहानी कन्हैयालाल साहू की हत्या पर आधारित
यह फिल्म उदयपुर में हुई कन्हैयालाल साहू की हत्या पर आधारित है, जिसकी हत्या 2022 में दिनदहाड़े की गई थी। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि फिल्म का ट्रेलर 4 जुलाई को जारी हुआ और यह एकतरफा दृष्टिकोण दिखाता है। वकीलों का कहना है कि फिल्म सिर्फ अभियोजन पक्ष की कहानी को पेश करती है, जिससे सामाजिक तनाव बढ़ सकता है।
दिल्ली हाईकोर्ट में भी पहुंचा मामला
फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में भी सुनवाई हो रही है। कई संगठनों और व्यक्तियों ने अदालत से गुहार लगाई है कि फिल्म में अपमानजनक भाषा और धार्मिक असहिष्णुता दिखाई गई है, जिससे देश में शांति और सामाजिक सद्भाव पर असर पड़ सकता है।
मौलाना मदनी और रज़ा अकादमी ने जताया विरोध
दारुल उलूम देवबंद और मौलाना अरशद मदनी को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में मौलाना मदनी की ओर से याचिका दायर की गई है। इसके अलावा रज़ा अकादमी और एमएसओ के चेयरमैन डॉक्टर शुजात अली ने भी कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनका कहना है कि ट्रेलर में इस्लाम के पैगंबर और उनकी पवित्र पत्नियों के खिलाफ आपत्तिजनक दृश्य हैं, जिससे सांप्रदायिक तनाव भड़क सकता है।
फिल्म निर्देशक ने दिया स्पष्टीकरण
फिल्म के निर्देशक भारत एस श्रीनेत ने सफाई देते हुए कहा है कि फिल्म में किसी धर्म या व्यक्ति का अपमान नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि सेंसर बोर्ड ने फिल्म में 130 कट्स लगाए और दो महीने की समीक्षा के बाद ए सर्टिफिकेट देकर रिलीज की अनुमति दी। उन्होंने कहा कि फिल्म को देखने के बाद जो लोग विरोध कर रहे हैं उनकी गलतफहमी दूर हो जाएगी।