Supreme Court: भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अब एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए अपने स्टाफ की नियुक्तियों में आरक्षण लागू कर दिया है। यह फैसला अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए पहले से लागू आरक्षण व्यवस्था के बाद आया है। इसके साथ ही अब शारीरिक रूप से दिव्यांग, पूर्व सैनिक और स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। यह फैसला सामाजिक समानता की दिशा में सुप्रीम कोर्ट की बड़ी पहल मानी जा रही है।
4 जुलाई को जारी हुई आधिकारिक अधिसूचना
इस ऐतिहासिक फैसले को लागू करने के लिए 4 जुलाई को एक अधिसूचना जारी की गई। संविधान के अनुच्छेद 146(2) के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश ने “सुप्रीम कोर्ट ऑफिसर एंड सर्वेंट्स रूल्स, 1961” में संशोधन किया है। इस संशोधन के तहत नियम 4A को पूरी तरह से हटाकर नया नियम जोड़ा गया है, जिसमें विभिन्न वर्गों को सीधे भर्ती वाली पोस्टों पर आरक्षण देने की व्यवस्था की गई है।
किन वर्गों को मिलेगा आरक्षण का लाभ?
सुप्रीम कोर्ट के इस नए नियम के अनुसार अब नियुक्तियों में जिन वर्गों को आरक्षण मिलेगा, उनमें अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), शारीरिक रूप से विकलांग, पूर्व सैनिक और स्वतंत्रता सेनानी के आश्रित शामिल हैं। यह फैसला उन सभी लोगों के लिए राहत लेकर आया है जो वर्षों से इस तरह के आरक्षण की मांग कर रहे थे। इससे सुप्रीम कोर्ट के अंदर भी समावेशी कार्यसंस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।
केंद्र सरकार की नीति के अनुरूप लागू होगा आरक्षण
इस आरक्षण नीति को केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर जारी की गई नीतियों, आदेशों और अधिसूचनाओं के अनुरूप लागू किया जाएगा। अगर किसी पद के वेतनमान के अनुरूप केंद्र की आरक्षण नीति लागू होती है तो वही नीति सुप्रीम कोर्ट के पदों पर भी लागू होगी। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश को यह अधिकार होगा कि वह इस नीति में जरूरत के अनुसार संशोधन या बदलाव कर सकें। यह लचीलापन नीति को सुप्रीम कोर्ट की कार्यप्रणाली के अनुकूल बनाता है।
पहले ही लागू हो चुका है SC-ST आरक्षण
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में SC और ST कर्मचारियों के लिए नियुक्तियों और पदोन्नतियों में आरक्षण की नीति को औपचारिक रूप से लागू किया था। इस नीति के तहत सीधी नियुक्तियों और पदोन्नतियों में SC कर्मचारियों के लिए 15% और ST कर्मचारियों के लिए 7.5% आरक्षण की व्यवस्था की गई है। अब ओबीसी और अन्य वर्गों को शामिल करने से यह प्रक्रिया और अधिक समावेशी बन गई है।