गुरुवार सुबह घरेलू Stock Market की शुरुआत सुस्त रही। 9 बजकर 29 मिनट पर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई का सेंसेक्स 18.4 अंकों की गिरावट के साथ 81426.26 पर ट्रेड कर रहा था। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई का निफ्टी भी 1.8 अंक की गिरावट के साथ 24810.25 के स्तर पर बना रहा। हालांकि बैंक निफ्टी में थोड़ी तेजी देखने को मिली और यह 32.95 अंकों की बढ़त के साथ 55861.70 के स्तर पर देखा गया। शुरुआती कारोबार में बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रही।
सेक्टरवार हलचल और टॉप लूजर-गेनर
अगर सेक्टरों की बात करें तो ऑटो, कैपिटल गुड्स, पावर, रियल्टी और मीडिया सेक्टर में 0.5 फीसदी तक की बढ़त देखने को मिली। दूसरी ओर आईटी और पीएसयू बैंकिंग सेक्टरों में 0.5 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी पर जो कंपनियां सबसे ज्यादा घाटे में रहीं उनमें टीसीएस, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एचयूएल और जेएसडब्ल्यू स्टील का नाम शामिल है। वहीं टाइटन कंपनी, मारुति सुजुकी, ट्रेंट, भारती एयरटेल और एक्सिस बैंक जैसी कंपनियों के शेयरों में तेजी देखी गई। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स लगभग स्थिर रहा जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.5 फीसदी की मजबूती रही।
इन कंपनियों पर लगी बैन की पाबंदी
गुरुवार को कुछ कंपनियों को एफ एंड ओ बैन लिस्ट में डाल दिया गया है। इस सूची में आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल, बायोकॉन, बिर्ला सॉफ्ट, सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज, चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स, हडको, मनप्पुरम फाइनेंस, आरबीएल बैंक और टिटलागढ़ रेल सिस्टम्स जैसी कंपनियां शामिल हैं। इसका मतलब है कि इन कंपनियों के शेयरों में डेरिवेटिव ट्रेडिंग पर फिलहाल रोक रहेगी। ट्रेडिंग वॉल्यूम के हिसाब से इन कंपनियों ने बाजार में काफी हलचल मचाई है।
वैश्विक बाजारों पर फेडरल रिजर्व और ईरान-इजरायल तनाव का असर
दूसरी ओर, वैश्विक बाजारों पर अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की चेतावनी का असर देखा गया। फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने महंगाई को लेकर गंभीर चिंता जताई है जिससे डॉलर की ताकत बढ़ी है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक MSCI का एशिया शेयर इंडेक्स 1% तक गिर गया और लगभग सभी एशियाई बाजारों में कमजोरी देखने को मिली। अमेरिकी शेयर बाजार का प्रभावी इंडेक्स एसएंडपी 500 बुधवार को लगभग स्थिर रहा लेकिन इसके फ्यूचर्स में 0.3% की गिरावट दर्ज की गई। यूरोपीय बाजारों में भी गिरावट का माहौल रहा। इजरायल और ईरान के बीच जारी टकराव की वजह से यूरोप का स्टॉक्स यूरोप 600 इंडेक्स 0.8% टूट गया। फ्रांस का CAC 40 इंडेक्स 0.8%, यूके का FTSE 100 इंडेक्स 0.5% और जर्मनी का DAX 1% तक नीचे गया। हालांकि इस बीच इजरायल का तेल अवीव 35 इंडेक्स अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है।