Stock Market: भारतीय शेयर बाजार में शुक्रवार की सुबह निवेशकों में नर्वसनेस साफ नजर आई। पूरे देश की निगाहें बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम नतीजों पर टिकी हुई थीं। राजनीतिक अनिश्चितता के कारण बाजार ने सतर्क रुख अपनाया। दिलचस्प बात यह रही कि एग्जिट पोल में NDA की मजबूत सरकार बनने और केंद्र में स्थिरता का संकेत मिलने के बावजूद भारतीय शेयर बाजार कमजोरी के साथ खुला, जिससे निवेशकों में आश्चर्य और चिंता दोनों देखने को मिली।
निफ्टी और सेंसेक्स की कमजोरी
शुक्रवार की शुरुआती ट्रेडिंग में निफ्टी 50 77 अंक गिरकर 25,801 पर खुला, वहीं बीएसई सेंसेक्स 231 अंक गिरकर 84,247 पर आ गया। राजनीतिक अस्थिरता के साथ-साथ वैश्विक बाजारों से मिले कमजोर संकेतों ने घरेलू निवेशकों की भावना पर भारी प्रभाव डाला। निवेशक अंतिम नतीजों का इंतजार करते हुए जोखिम लेने में हिचक रहे थे। हालांकि बाजार को राजनीतिक स्थिरता की उम्मीद थी, लेकिन अंतिम आंकड़ों के आने तक बढ़ती अनिश्चितता ने बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ा दिया।

बिहार चुनाव के नतीजों की स्थिति
आज बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण का दिन है। वोटों की गिनती शुरू हो चुकी है और प्रारंभिक रुझान NDA की जीत की ओर इशारा कर रहे हैं। एग्जिट पोल भी NDA के नेतृत्व और केंद्र में स्थिर सरकार बनने के संकेत दे रहे हैं। इसके बावजूद बाजार लाल निशान में खुला, जो दर्शाता है कि निवेशक अंतिम नतीजों के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं और इसलिए सतर्कता बरत रहे हैं। राजनीतिक स्थिरता की उम्मीद के बीच यह अनिश्चितता बाजार में अस्थिरता का कारण बनी हुई है।
वैश्विक बाजारों का दबाव
वैश्विक बाजारों से भी घरेलू बाजार पर भारी दबाव रहा। अमेरिका के बाजारों में गुरुवार को भारी मुनाफा बुकिंग देखने को मिली। नैस्डैक कंपोजिट 2.29 प्रतिशत गिरकर 22,870.36 पर बंद हुआ। अमेरिकी सरकार के शटडाउन की आशंका और इसके आर्थिक प्रभाव को लेकर निवेशकों में चिंता बढ़ी है। इस बीच एशियाई बाजारों में भी कमजोरी का रुझान रहा। जापान का निक्की 225 1.85%, टोपिक्स 1.03%, दक्षिण कोरिया का कोस्पी 2.29% और कोस्डैक 1.42% गिर गया। वॉल स्ट्रीट की गिरावट ने सीधे तौर पर एशियाई बाजारों की भावना को प्रभावित किया।
डॉलर और कच्चे तेल में मिली मिश्रित खबरें
अमेरिकी डॉलर इंडेक्स (DXY) शुक्रवार सुबह 99.30 के स्तर पर स्थिर था, जो बाजार को कोई खास राहत नहीं दे पाया। वहीं, कच्चे तेल की कीमतों में शुरुआती बढ़त के बाद लगातार तीसरे सप्ताह गिरावट जारी रही। इस सप्ताह तेल की कीमतों में 1.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है। डॉलर की मजबूती और कच्चे तेल की गिरावट ने भी बाजार पर दबाव बनाए रखा।

