20 जून को भारतीय Stock Market में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। लगातार तीन दिनों की गिरावट के बाद आज निवेशकों के चेहरे खिल उठे। सेंसेक्स 824.5 अंकों की छलांग लगाकर 82,186 के पार पहुंच गया। वहीं, निफ्टी भी 247 अंक बढ़कर 25,040 के ऊपर बंद हुआ। इस एक दिन की तेजी से निवेशकों को लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ है। इस शानदार उछाल के पीछे कुछ ऐसे कारण रहे जिन्होंने भारत से दोस्ती निभाई और घरेलू बाजार को मजबूती दी।
RBI की नई गाइडलाइंस बनी वरदान
भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग को लेकर नई गाइडलाइंस जारी कीं। अब ये नियम बैंकों, एनबीएफसी और कोऑपरेटिव बैंकों सभी पर लागू होंगे। पहले प्रस्ताव में अधूरे प्रोजेक्ट्स पर 5% प्रोविजनिंग रखी गई थी, जिसे अब घटाकर इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1% और कमर्शियल रियल एस्टेट के लिए 1.25% कर दिया गया है। इससे REC और PFC जैसे प्रोजेक्ट फाइनेंसर्स को बड़ी राहत मिली है और उनके फंडिंग कॉस्ट में कमी आएगी।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व का नरम रुख
अमेरिका की फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन 2025 में दो बार कटौती के संकेत दिए हैं। हालांकि अमेरिका में महंगाई दर बढ़कर 3% हो गई है और GDP ग्रोथ का अनुमान 1.4% तक गिरा है। फिर भी, नीति में नरमी की उम्मीदों ने दुनिया भर के बाजारों को सहारा दिया और भारत को भी फायदा मिला।
कमजोर पड़ा अमेरिकी डॉलर
डॉलर इंडेक्स में 0.34% की गिरावट आई और यह 98.57 के स्तर पर पहुंच गया। जब डॉलर कमजोर होता है तो विदेशी पूंजी उभरते बाजारों जैसे भारत की ओर रुख करती है। इससे रुपये को सहारा मिलता है और शेयर बाजार को मजबूती मिलती है। इसके साथ ही अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स में स्थिरता से भी बाजार को राहत मिली है।
विदेशी निवेशकों की वापसी ने भरी जान
FIIs यानी विदेशी संस्थागत निवेशक अब बाजार में दोबारा रुचि दिखा रहे हैं। उन्होंने दो सत्रों में 1,824 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने लगातार 12वें दिन 2,566 करोड़ रुपये की खरीदारी की है। इस घरेलू समर्थन ने बाजार को और मजबूती दी है और निवेशकों के मन में भरोसा पैदा किया है।