back to top
Wednesday, October 29, 2025
HomeखेलSir James Anderson: क्रिकेट के ‘सर’ बने जेम्स एंडरसन, विंडसर कैसल में...

Sir James Anderson: क्रिकेट के ‘सर’ बने जेम्स एंडरसन, विंडसर कैसल में प्रिंसेस ऐन ने पहनाया नाइटहुड का ताज

Sir James Anderson: इंग्लैंड के दिग्गज तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन को ब्रिटिश शाही परिवार की सदस्य प्रिंसेस ऐन ने विंडसर कैसल में आयोजित एक विशेष समारोह में ‘नाइटहुड’ की उपाधि से सम्मानित किया। 43 वर्षीय एंडरसन को यह सम्मान पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की अप्रैल 2024 की रेज़िग्नेशन ऑनर्स लिस्ट में शामिल किया गया था। यह सम्मान उन्हें क्रिकेट में उनके असाधारण योगदान के लिए दिया गया। लंकाशायर क्रिकेट क्लब ने इंस्टाग्राम पर उनकी तस्वीर साझा करते हुए लिखा — “सर जेम्स एंडरसन! आज जिमी के लिए खास दिन है, जब उन्हें विंडसर कैसल में नाइटहुड से सम्मानित किया गया। वे अब तक के सबसे महान तेज गेंदबाज हैं।”

21 साल की गौरवशाली यात्रा का अंत

एंडरसन ने जुलाई 2024 में लॉर्ड्स के मैदान पर अपने आखिरी टेस्ट के साथ 21 साल लंबे करियर को अलविदा कहा। उन्होंने 188 टेस्ट मैचों में कुल 704 विकेट झटके, जो किसी भी तेज गेंदबाज के लिए विश्व रिकॉर्ड है। उनसे आगे केवल दो दिग्गज स्पिनर हैं — मुथैया मुरलीधरन (800 विकेट) और शेन वॉर्न (708 विकेट)। टेस्ट के अलावा उन्होंने वनडे में भी शानदार प्रदर्शन किया और 269 विकेट लेकर इंग्लैंड के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। उनका आखिरी वनडे 2015 में खेला गया था।

टी20 में फिर दिखा जलवा

भले ही एंडरसन ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनका जुनून आज भी बरकरार है। उन्होंने 2024 सीज़न में अपने काउंटी क्लब लंकाशायर के लिए खेलते हुए करीब एक दशक बाद टी20 क्रिकेट में वापसी की। इसके साथ ही उन्हें ‘द हंड्रेड’ टूर्नामेंट में मैनचेस्टर ओरिजिनल्स टीम के लिए वाइल्डकार्ड कॉन्ट्रैक्ट भी मिला। अब वे 2025 सीजन में भी काउंटी क्रिकेट जारी रखने पर विचार कर रहे हैं।

15वें इंग्लिश क्रिकेटर बने ‘सर’

एंडरसन इंग्लैंड के 15वें क्रिकेटर हैं जिन्हें ‘सर’ की उपाधि से नवाज़ा गया है। उनसे पहले 2019 में एंड्रयू स्ट्रॉस को यह सम्मान मिला था। उनके साथी क्रिकेटर एलिस्टेयर कुक को भी यह प्रतिष्ठित उपाधि दी जा चुकी है। यह सम्मान न केवल उनकी खेल प्रतिभा की पहचान है बल्कि यह इंग्लैंड के क्रिकेट इतिहास में उनके अद्भुत योगदान का प्रतीक भी है।

जेम्स एंडरसन: समर्पण और अनुशासन का प्रतीक

एंडरसन का करियर इस बात का सबूत है कि समर्पण और अनुशासन से कोई भी खिलाड़ी महान बन सकता है। उन्होंने न केवल इंग्लैंड के लिए बल्कि विश्व क्रिकेट के लिए एक मिसाल कायम की है। उनकी स्विंग, सटीक लाइन-लेंथ और लगातार फिटनेस ने उन्हें 40 की उम्र के बाद भी सक्रिय बनाए रखा। अब जब उन्हें ‘सर जेम्स एंडरसन’ की उपाधि मिल गई है, तो यह कहा जा सकता है कि उन्होंने मैदान और सम्मान दोनों जगह इतिहास रच दिया है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments