SIP Investment End: जब शेयर बाजार गिरता है तो लोग घबरा जाते हैं और सबसे पहले अपनी SIP बंद कर देते हैं। लेकिन यह गलती उनकी जमा पूंजी को नुकसान पहुंचाती है और जो मुनाफा उन्हें मिल सकता था वह भी हाथ से निकल जाता है। बाजार गिरने पर SIP बंद नहीं करनी चाहिए।
कंपाउंडिंग की जादुई चिराग को बुझने न दें
SIP समय से पहले बंद करने का मतलब है कंपाउंडिंग के जादुई असर को खत्म कर देना। कंपाउंडिंग में आपकी कमाई पर भी कमाई होती है जो लंबी अवधि में बड़ा रिटर्न देती है। अगर आप SIP को बीच में बंद करते हैं तो आप इस फायदे से खुद को वंचित कर देते हैं।
बाजार गिरने पर मिलते हैं ज्यादा यूनिट्स
लोग अक्सर बाजार गिरने पर SIP की राशि कम कर देते हैं लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यही वो समय होता है जब निवेश बढ़ाना चाहिए। बाजार गिरने से आपको एक ही रकम में ज्यादा यूनिट मिलती हैं जिससे आगे चलकर आपको अधिक लाभ होता है।
दोबारा SIP शुरू करने में होता है देर
जब लोग एक बार SIP बंद कर देते हैं तो दोबारा शुरू करने में टालमटोल करने लगते हैं। SIP का मकसद छोटी रकम से बड़ा फंड बनाना होता है और बार बार इसे बंद करने से यह मकसद पूरा नहीं हो पाता। इसलिए इसे जारी रखना ज्यादा फायदेमंद होता है।
SIP को अलग अलग हिस्सों में बांटें
अगर आप पांच हजार रुपये की SIP करना चाहते हैं तो उसे एक ही जगह न लगाएं। दो या तीन हिस्सों में बांटकर अलग अलग SIP करना बेहतर होता है। इससे आपके रिटर्न का औसत बेहतर बनता है और लंबी अवधि में ज्यादा फायदा मिलता है।