स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने नए ग्राहकों के लिए Home Loan की ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वॉइंट यानी 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की है। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से उन ग्राहकों को प्रभावित करेगी जिनका क्रेडिट स्कोर कम है। बैंक ने लोन रेट की ऊपरी सीमा बढ़ा दी है। इसी तरह, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने भी होम लोन की दरें बढ़ा दी हैं। विश्लेषकों का मानना है कि इसके बाद अन्य सरकारी बैंक भी होम लोन महंगे कर सकते हैं।
नई होम लोन दरों का दायरा
इकॉनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई के अंतिम पखवाड़े में एसबीआई के होम लोन रेट 7.5% से 8.45% के बीच थे। इस नई वृद्धि के बाद नए ग्राहकों के लिए यह दरें 7.5% से 8.70% तक हो गई हैं। वहीं, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने जुलाई में अपनी ब्याज दर 7.35% से 7.45% तक बढ़ाई। तुलना करें तो प्राइवेट बैंक जैसे HDFC, ICICI और Axis बैंक होम लोन 7.90%, 8.00% और 8.35% की शुरुआती दर पर दे रहे हैं।
सिर्फ नए ग्राहकों पर लागू होगी दर वृद्धि
एक्सपर्ट्स ने बताया कि एसबीआई ने यह बदलाव CIBIL स्कोर और एक्सटर्नल बेन्चमार्क लेंडिंग रेट (EBLR) के आधार पर किया है। यह बैंक के लिए कम रिटर्न वाला प्रोडक्ट है, इसलिए नए ग्राहकों के लोन पर मार्जिन बढ़ाया गया है। ध्यान रहे कि यह बदलाव केवल नए ग्राहकों पर लागू होगा और बैंक के ₹8 लाख करोड़ के मौजूदा लोन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
एसबीआई के रिटेल पोर्टफोलियो में होम लोन का महत्व
होम लोन, एसबीआई के रिटेल लोन पोर्टफोलियो का सबसे बड़ा हिस्सा हैं। इसलिए ब्याज दर में यह बढ़ोतरी वित्तीय बाजार और नए ग्राहकों के लिए काफी अहमियत रखती है। विशेषज्ञों का कहना है कि क्रेडिट स्कोर कम होने वाले ग्राहकों के लिए लोन महंगा होना सामान्य प्रक्रिया है। इससे बैंक को जोखिम प्रबंधन में मदद मिलती है और नए निवेशकों के लिए सावधानी बरती जाती है।
भविष्य में होम लोन महंगे हो सकते हैं
विश्लेषकों का अनुमान है कि अगर एसबीआई और यूनियन बैंक ने दरें बढ़ा दी हैं, तो अन्य सरकारी बैंक भी जल्द ही होम लोन महंगे कर सकते हैं। यह बढ़ती ब्याज दरें नए घर खरीदने वाले लोगों के बजट को प्रभावित करेंगी। इसलिए नए ग्राहकों को लोन लेने से पहले सभी विकल्पों पर ध्यान देने और योजना बनाने की सलाह दी जा रही है।