RBI MPC: दुनिया में अस्थिर हालात के बावजूद भारत सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है। RBI ने अपनी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में बताया कि महंगाई में कमी आएगी और देश की GDP तेजी से बढ़ेगी। भारत की आर्थिक मजबूती में घरेलू विकास पर खास ध्यान दिया जा रहा है।
महंगाई में कमी और मानसून की भूमिका
RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि महंगाई और GDP विकास में कोई टकराव नहीं है। इस साल मानसून की स्थिति अच्छी रहने की उम्मीद है जिससे कीमतें नियंत्रित रहेंगी। वैश्विक स्थिति नाजुक है लेकिन भारत में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता बनी हुई है।
महंगाई का अनुमान और GDP की स्थिति
रिटेल महंगाई वित्त वर्ष 2025-26 में घटकर 3.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो पहले 4 प्रतिशत था। सरकार ने RBI को 4 प्रतिशत के भीतर महंगाई बनाए रखने का लक्ष्य दिया है। देश की GDP वृद्धि इस वित्त वर्ष 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है और जनवरी-मार्च 2025 में GDP वृद्धि 7.4 प्रतिशत रही।
RBI ने की नीतिगत बदलावों की घोषणा
गवर्नर ने कहा कि रेपो दर में 1 प्रतिशत की तेज कटौती के बाद अब नीति में ज्यादा बदलाव की गुंजाइश कम है। विदेशी निवेश में गिरावट आई है लेकिन भारत अभी भी निवेश के लिए आकर्षक है। विदेशी मुद्रा भंडार 691.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर है जो 11 महीने के आयात को पूरा करता है।
तीसरी बार रेपो दर में कटौती
RBI ने जून माह की मौद्रिक नीति में रेपो दर 0.50 प्रतिशत घटाई जो लगातार तीसरी कटौती है। अब यह दर 5.5 प्रतिशत पर आ गई है। फरवरी और अप्रैल में भी 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती हुई थी। CRR भी 1 प्रतिशत घटाकर बैंकों के पास 2.5 लाख करोड़ रुपये नकद बढ़ाया गया है।