भारत ने डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक और बड़ा कदम बढ़ाया है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने घोषणा की है कि भारत का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) जल्द ही यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) के टारगेट इंस्टेंट पेमेंट सेटलमेंट (TIPS) सिस्टम के साथ एकीकृत होगा। इस पहल से भारत और यूरोप के बीच पैसे भेजना और प्राप्त करना पहले से कहीं अधिक आसान, तेज़ और सस्ता हो जाएगा। यूरोप में रहने वाले लाखों भारतीय छात्र और कामगार सीधे इस सुविधा का लाभ उठाएंगे।
TIPS क्या है?
TIPS यूरोपीय सेंट्रल बैंक का एक रीयल-टाइम भुगतान प्रणाली है, जो 30 से अधिक यूरोपीय देशों के बैंकों से जुड़ा हुआ है। इसे यूरोप में UPI की तरह तेज़ भुगतान नेटवर्क माना जाता है। RBI और NPCI International ने पिछले कई महीनों से ECB के साथ UPI को TIPS से जोड़ने की बातचीत की है। अब दोनों पक्षों ने UPI-TIPS लिंक को लागू करने की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति बना ली है।

UPI-TIPS एकीकरण से क्या लाभ होंगे?
इस नए एकीकरण से भारत और यूरोप के बीच रेमिटेंस (पैसे भेजना) तुरंत ही पहुंच सकेगा। बैंक शुल्क और विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) शुल्क में भी काफी कमी आएगी, जिससे ट्रांसफर सस्ता हो जाएगा। यूरोप में रहने वाले भारतीयों को सीधा लाभ मिलेगा। भारतीय पर्यटक भी कई यूरोपीय देशों में UPI के माध्यम से भुगतान कर सकेंगे। वर्तमान में UPI सिंगापुर, UAE, फ्रांस, मॉरीशस, भूटान और नेपाल जैसे देशों में स्वीकार किया जाता है। TIPS से जुड़ने के बाद यह डिजिटल भुगतान नेटवर्क और भी विस्तृत होगा।
G20 एजेंडा का हिस्सा
RBI ने बताया कि यह पहल G20 की योजना के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य विश्व स्तर पर किफायती, तेज़ और सुरक्षित क्रॉस-बॉर्डर भुगतान को बढ़ावा देना है। भारत ने अपनी G20 अध्यक्षता के दौरान UPI को वैश्विक बनाने के लिए जोर दिया था। अब इसके परिणाम सामने आ रहे हैं। RBI, NIPL और ECB तकनीकी एकीकरण, जोखिम प्रबंधन और निपटान प्रणाली पर काम कर रहे हैं ताकि जल्द से जल्द UPI-TIPS लिंकिंग को लागू किया जा सके।
डिजिटल भुगतान की नई क्रांति
भारत और यूरोप के बीच UPI और TIPS के संयोजन से एक नई डिजिटल भुगतान क्रांति का मार्ग खुल जाएगा। इससे न केवल भारतीय प्रवासी, छात्र और पर्यटक लाभान्वित होंगे बल्कि वैश्विक डिजिटल भुगतान प्रणाली को भी मजबूती मिलेगी। यह पहल भारत को वैश्विक डिजिटल भुगतान मानचित्र पर और अधिक सशक्त करेगी। भविष्य में इससे अन्य महाद्वीपों के साथ भी भुगतान प्रणाली को जोड़ने के रास्ते खुल सकते हैं।

